पेरेंट्स टीचर मीटिंग में यहां बच्चों से कराए जाते हैं ये काम जो आज तक किसी स्कूल ने किया नहीं होगा
मां-बाप के प्रति सेवा भाव को बरकरार रखने के लिए ऐसा किया जाता है

नई दिल्ली। परंपराओं का नाम लेकर हमेशा कुछ न कुछ बुरा ही होते सुना है लेकिन ये भी सच्चाई है कि समाज में यदि कोई चीज़ बुरी हैतो अच्छे का भी होना लाजमी है। आज हम आपको परंपराओं के इन्हीं अच्छे रूप के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि वाकई में काबिले तारीफ है। हालांकि ये परंपरा हमारे देश की नहीं है बल्कि हम यहां बात इंडोनेशिया के बारे में कर रहे हैं।
इंडोनेशिया में महीने का एक दिन बेहद खास होता है। पेरेंटस मीटिंग के बारे में तो हम सबने सुना ही है और हमारे स्कूली लाइफ में भी ऐसा होते हमने देखा है तो इंडोनेशिया में भी महीने के एक दिन सभी बच्चों के माता-पिता को स्कू ल में आमंत्रित किया जाता है। इस आमंत्रण का उद्देश्य काफी खास होता है।
दरअसल महीने के इस दिन माता-पिता को बुलाकर बच्चों से उनके पैर धुलवाएं जाते हैं और ऐसा करने के पीछे का मकसद ये है कि बच्चें अपने माता-पिता की सेवा करना कभी न भूलें और उनमें सदा ये गुण विद्धमान रहें। आजकल के दौर में बच्चें अपनी परंपराओं क ो भूलते जा रहे है। उनमें जैसे-जैसे शिक्षा का प्रसार हो रहा है वैसे-वैसे पुराने आचार-विचारों और बुजुर्गो के प्रति उनका सम्मान कम होता जा रहा है।
बच्चों में अपने मां-बाप के प्रति सेवा भाव को बरकरार रखने के लिए ऐसा किया जाता है क्योंकि हम जानते है कि बच्चों की प्रवृत्ति कच्चे मिट्टी के जैसे होती है, उन्हें जिस रूप में ढ़ाला जाएगा वो उसी रूप में ढ़लेंगे और इसीलिए बचपन से ही उन्हें अच्छी शिक्षा देना चाहिए ताकि वो जि़ंदगीभर उनमें बनी रहे।
शायद यहीं कारण है कि आज के दिन में इंडोनेशिया में कोई भी वृद्धाश्रम नहीं है। हमें भी इससे शिक्षा लेनी चाहिए ताकि भविष्य में और वृद्धश्रम बनाने की ज़रूरत हमारे देश में न पड़े और जो है उनकी ज़रूरत इंसान को और न पड़े क्योंकि माता-पिता का असली स्थान वृद्धाश्रम में नहीं बल्कि हमारे दिल में होने चाहिए।
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