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“यूनाइटेड किंगडम्स डॉटर” ने दिखाई ब्रिटेन की हकीकत

युवती मदद मांगती रही लेकिन कोई आगे नहीं आया, ब्रिटिश पुरूष मानते हैं कि रेप के लिए महिलाएं ही जिम्मेदार

Mar 13, 2015 / 10:51 am

युवराज सिंह

Rape

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया कांड को लेकर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री “इंडियास डॉटर”के बाद अब एक और डॉक्यूमेंट्री “यूनाइटेड किंगडम्स डॉटर” यूट्यूब पर पोस्ट की गई है। डाक्यूमेंट्री अपलोड करने वाले शख्स हरविंदर सिंह का मानना है कि निर्भया कांड की आड़ में बीबीसी ने देश की छवि खराब करने की कोशिश की है और “यूनाइटेड किंगडम्स डॉटर” डॉक्यूमेंट्री इस बात का जवाब है कि बेटियां सिर्फ बेटियां हैं, रेप घटना केवल भारत में ही नहीं दुनिया के किसी कौने में हो सकती हैं।


इस वीडियो के बारे में हरविंदर लिखते हैं कि ये बीबीसी को जवाब है कि बेटियां सिर्फ बेटियां होती हैं, वे भारतीय या ब्रिटिश नहीं होतीं। हरविंदर ने ये वीडियो इस बात के सबूत के तौर पर पोस्ट किया है कि भारत ही नहीं ब्रिटेन में भी रेप की भयावह स्थिति है लेकिन बीबीसी इसे मुद्दा नहीं बनाता। दुनिया में सबसे ज्यादा रेप वाले देशों में यूके पांचवें नंबर पर है। यूके की 10 फीसदी महिलाएं स्वीकारती हैं कि उनका यौन शोषण हुआ। आंकड़ों के मुताबिक यूके में हर रोज 250 महिलाओं से रेप होता है। ये आंकड़े हकीकत में और ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि तमाम महिलाएं इसकी शिकायत तक नहीं करतीं। एक तिहाई ब्रिटिश पुरूष मानते हैं कि रेप के लिए महिलाएं ही जिम्मेदार हैं।

वीडियो में एक रेप पीडिता का इंटरव्यू दिखाया जाता है। क्रिसमस की रात इस महिला के साथ निर्भया जैसी ही दरिंदगी को अंजाम दिया गया। रेप और मारपीट की शिकार खून से लथपथ ये युवती सडकों पर हर किसी से मदद मांगती रही लेकिन कोई आगे नहीं आया। बाद में सड़क पर बेहोशी की हालत से उसे पुलिस ने उठाया और अस्पताल पहुंचाया। इस महिला के रेपिस्ट को बाद में सजा तो हो गई लेकिन इसकी कानूनी प्रक्रिया भी काफी जटिल थी जिसने पीडिता को और ज्यादा तोड़ दिया। कोर्ट में उससे तमाम ऊलजलूल सवाल पूछे गए। उसे पीडिता की बजाय गवाह के रूप में पेश किया गया और उस खूंखार दरिंदे से आमना-सामना कराया गया। अपनी कहानी बताते हुए इस पीडिता ने ब्रिटेन में रेप, उसके बाद पीडिता के साथ बर्ताव और कानूनी प्रक्रिया की कलई खोलकर रख दी।

यूके में महिलाएं रेप का एक सीमा के बाद विरोध नहीं करती हैं इसलिए हत्या के आंकड़े कम पाए जाते हैं, जबकि रेप के केवल 10 फीसदी मामलों में ही आरोपी को सजा हो पाती है।

वीडियो में ब्रिटेन की सामाजिक स्थिति पर भी तंज कसा गया है ये बताकर कि यहां 41 फीसदी शादियां 20 साल में ही टूट जाती हैं। 11 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है जबकि 65 साल के अधिक उम्र के 31 फीसदी लोग ओल्ड एज होम में रहते हैं। वीडियो 9 मार्च को पोस्ट किया गया था और अब तक उसे तकरीबन पांच हजार लोग देख चुके हैं।

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