ताजा बयान अमरीका की ओर से जारी किया गया है। वहां के दो शीर्ष सांसदों ने पाकिस्तान को बदले की कार्रवाई करने से बचने के लिए कहा है। इसके साथ ही ईरान ने भी दोनों देशों को बातचीत से हल निकालने की नसीहत दी है।
‘प्रतिशोधी आक्रामकता’ दिखाने से बचें
अमरीकी सांसदों ने पाकिस्तान से किसी तरह के ‘प्रतिशोधी आक्रामकता’ दिखाने से बचने के लिए कहा है। इसके साथ ही अमरीका ने कहा कि वे अपने क्षेत्र में आने वाले आतंकियों के खिलाफ ‘संतोषजनक कार्रवाई’ करें। आपको बता दें कि बुधवार को पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भारत वापस भेजते हुए दोनों देशों के बीच राजनायिक संबंधों को खत्म कर दिया। पाकिस्तान का आरोप है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छिनने का भारत का फैसला ‘एकतरफा और गैर-कानूनी’ है।
कश्मीर पर जाहिर की चिंता
वहीं , हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अमरीकी सेनेटर रॉबर्ट मेनेंडेज और कांग्रेसी इलीयोट एंगेल ने एक संयुक्त बयान में कश्मीर में जारी प्रतिबंध पर चिंता भी व्यक्त की है। अपने बयान में उन्होंने लिखा है, ‘पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी प्रतिनिधि लोकतंत्र की आधारशिलाएं हैं। हमें उम्मीद है कि भारतीय सरकार जम्मू-कश्मीर में इन सिद्धांतों का पालन करेगी।’
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पाकिस्तान को नसीहत
बयान में आगे कहा गया कि,’नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठियों को रोकने समेत पाकिस्तान को किसी भी जवाबी हमले से बचना चाहिए। साथ ही पाकिस्तान की धरती पर बसे आतंकवाद की जड़ों के खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए।’
ईरान ने भी दी बातचीत की सलाह
दूसरी ओर ईरान ने भी इस मामले का हल शांति से निकालने की सलाह दी है। ईरान का कहना है कि वह जम्मू एवं कश्मीर को लेकर भारत सरकार के फैसले पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। और उसे उम्मीद है कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद ‘क्षेत्रीय लोगों के हितों की रक्षा’ के लिए शांतिपूर्ण तरीका अपनाएंगे और आपस में बातचीत करेंगे। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अब्बास मौसवी ने बुधवार को जारी किए एक बयान में ये बातें कहीं।
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प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘ईरान को उम्मीद है कि उसके क्षेत्रीय मित्र और साथी – भारत और पाकिस्तान- क्षेत्रीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीका अपनाएंगे और प्रभावी कदम उठाने के लिए बातचीत करेंगे।’