लॉस एंजिलिस में अमरीकी जिला कोर्ट की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 21 जुलाई को अपने 24 पेजों के आदेश में राणा को जमानत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि राणा के फरार होने का खतरा बना हुआ है। अमरीकी सरकार की दलील है कि अगर वह कनाडा चला जाता है तो उसके भारत में मौत की सजा से बचने की आशंका बनी हुई है।
अमरीका के सहायक अटॉर्नी जॉन जे लुलेजियान के अनुसार जमानत देने से कोर्ट में राणा की मौजूदगी को सुनिश्चित नहीं किया जा सकेगा। उसे जमानत देने से अमरीका को विदेश मामलों में शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है। उसके भारत के साथ रिश्ते बेहद बिगड़ सकते हैं। वहीं,राणा के वकील का कहना है कि 26/11 के आरोपी के फरार होने का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने उसे जमानत पर रिहा करने के लिए 15 लाख डॉलर के मुचलके भरने का प्रस्ताव रखा।
वहीं राणा का कहना है कि हेडली को भारत प्रत्यर्पित न करने का फैसला असंगत है। यह उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाता है। पाकिस्तान में जन्मे राणा ने वहां के आर्मी मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई की है। एक दशक से अधिक समय तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम किया।
इस समय वह कनाडाई नागरिक है, लेकिन वह शिकागो में रहता था, जहां उसका कारोबार था। कोर्ट के दस्तावेजों के अनुसार वह कनाडा के साथ पाक, जर्मनी और ब्रिटेन में भी रहता है। इन देशों में उसका आनाजाना लगा रहता है। वह सात भाषाएं बोल सकता है। संघीय अभियोजकों का कहना है कि अगर वह कनाडा भाग जाता है तो वह मौत की सजा से बच जाएगा।