CPEC परियोजनाओं में कोई पारदर्शिता नहीं
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, वेल्स ने मंगलवार को एक थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में भाषण दिया। इस कार्यक्रम में शिक्षा और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। वेल्स ने चीन की प्रमुख परियोजना वन बेल्ट वन रोड इनीशिएटिव की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि CPEC परियोजनाओं में कोई पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि चीनी वित्तपोषण के कारण पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है।
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FATF ग्रे लिस्ट से निकलने में भी मांगी मदद
उनका तर्क पिछले साल 21 नवंबर को वाशिंगटन स्थित विल्सन सेंटर में दिए उनके भाषण की पुनरावृत्ति लगे। हालांकि उनके भाषण में किए गए दावे नए हैं। इससे कुछ दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान और अमरीका के बीच व्यापार और निवेश के रिश्ते को और मजबूत करने की मांग की थी। कुरैशी ने अमरीका से पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से निकलने में भी मदद मांगी थी।
विश्व बैंक द्वारा ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ठेका
CPEC पर अपने आरोप दोहराते हुए वेल्स ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा ब्लैक लिस्टेड की गईं (काली सूची में डाली गईं) कंपनियों को CPEC के ठेके मिले हैं। अमरीकी राजनयिक ने नवगठित CPEC प्राधिकरण के लिए अभियोजन पक्ष से बचाव का भी सवाल उठाया। CPEC प्राधिकरण वर्तमान परियोजनाओं पर निगरानी रखने, समन्वय और सुविधा प्रदान करने के अलावा सहयोग और परियोजनाओं के लिए नए क्षेत्रों का चयन भी करता है।
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चीनी धन सहयोग नहीं है: वेल्स
कर्ज की समस्या को देखते हुए वेल्स ने जोर देकर कहा कि चीनी धन सहयोग नहीं है। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए चीनी वित्तीय मदद लेने के लिए पाकिस्तान ऊंची दरों पर कर्ज ले रहा है और एक खरीदार के तौर पर उसे यह पता होना चाहिए कि वह क्या कर रहा है, क्योंकि वह पहले से ही संकटग्रस्त अपनी अर्थव्यवस्था पर और बोझ बढ़ा रहा है।