4 जुलाई को लिया था हिरासत में
बता दें कि 4 जुलाई को 21 लाख बैरल तेल ले जा रहे ग्रेस-1 सुपरटैंकर को सीरिया में हिरासत में लिया गया था। इस टैंकर को अवैध रूप से तेल ट्रांसपोर्ट करने के संदेह में जब्त किया गया था। अमरीका द्वारा टैंकर को हिरासत में रखने के लिए आखिरी मिनट में किए गए कानूनी प्रयास को गुरुवार को जिब्राल्टर ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद टैंकर को छोड़े जाने की राह आसान हो गई। बता दें कि इसमें 24 भारतीय भी सवार थे।
वारंट पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
जिब्राल्टर के अधिकारियों ने ग्रेस 1 के कप्तान को रिहा कर दिया, जो भारतीय हैं, और तीन अधिकारियों को भी रिहा कर दिया गया। न्याय विभाग ने शुक्रवार को दावा किया कि यह अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम, बैंक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद निरोधात्मक कानूनों के कथित उल्लंघन के आधार पर ग्रेस 1 और बोर्ड के सभी तेल को जब्त कर सकता है। हालांकि, अभी तक अमरीकी वारंट पर न तो जिब्राल्टर और न ब्रिटेन ने ही कोई प्रतिक्रिया दी है।