Ram Mandir के निर्माण को लेकर Pakistan की आपत्ति पर भारत की फटकार, कहा -ये हमारा आंतरिक मामला साझा स्वतंत्रता लोकतांत्रिक सिद्धांतों को चीन के वर्तमान तकनीक के तौर-तरीकों पर स्थापित करना अहम है, जिससे नागरिक स्वतंत्रता को खतरा हो। ट्रम्प प्रशासन (Artificial Intelligence) AI पर ग्लोबल पार्टनरशिप स्थापित करने के लिए दुनिया के सबसे धनी लोकतंत्रों- सात समूह का नेतृत्व कर चुका है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मंत्रियों के बीच एक वीडियो कांफ्रेंसिंग में गुरुवार को साझेदारी शुरू हुई। कनाडा और फ्रांस के नेताओं की घोषणा के लगभग दो साल बाद “मानवाधिकार, समावेश, विविधता, नवाचार और आर्थिक विकास” के साझा सिद्धांतों के आधार पर AI को जिम्मेदारी को उठाने के लिए समूह का गठन कर रहे थे। ट्रंप प्रशासन ने उस दृष्टिकोण पर आपत्ति जताते हुए तर्क दिया कि विनियमन पर बहुत अधिक ध्यान देने से अमरीकी नवाचार में बाधा आएगी। बीते साल की बातचीत और समूह के दायरे में बदलाव के कारण अमरीका इसमें शामिल हो गया।
उन्होंने कहा कि हमने यह स्पष्ट करने के लिए बहुत मेहनत की कि यह एक मानक या नीति-निर्माण निकाय तैयार की जाए। बोस्टन में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर एथिक्स पर केंद्रित एक एसोसिएट प्रोफेसर केए मैथिसन ने कहा कि अमरीकी टेक फर्म वैश्विक स्तर पर अहम भूमिका निभाते हैं और मानवाधिकारों के लिए इसकी ऐतिहासिक वकालत करते हैं।
अमरीकी टेक कंपनियां जैसे Microsoft, Google और Apple सभी इस बात से चिंतित हैं कि उन्हें AI का उपयोग करने के लिए किन दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। मगर अमरीका के इस समूह में शामिल न होने ये मतलब नहीं है कि वे जी 7 देशों द्वारा विकसित किसी भी नियमों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं होंगे।