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क्या है रिपोर्ट मेंअमरीकी विदेश विभाग ने वर्ष 2017 में आतंकवाद पर जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि अलकायदा जैसे संगठन अब पहले की तरह घातक नहीं रहे लेकिन अब भी भारतीय उपमहाद्वीप में उसके क्षेत्रीय संगठन भूमिगत होकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं । रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्होंने इन स्थानों का उपयोग अपने सीक्रेट मिशन के लिए किया है।
बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा अब भी बड़ा खतरा बने हुए हैं। 2017 में अमरीका की बारम्बार चेतावनियों के बाद भी पाकिस्तान ने न तो इन आतंकी संगठनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और न ही इन संगठनों को पाकिस्तान से मिलने वाले पैसे पर रोक लगाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए पनाहगाह बन गया है। पाकिस्तान की कमजोर कानून व्यवस्था और आतंक के प्रति ढुलमुल नीति ने हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी संगठनों को सुरक्षित शरणस्थली उपलब्ध कराई है।
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पाकिस्तान का ढोंगरिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे तो पाकिस्तानदेश में किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि की इजाजत नहीं देता है, लेकिन कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन पाकिस्तान से अपनी करतूतों को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि यूं तो पाकिस्तान ने कबायली क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों के सफाए के लिए सैन्य अभियान छेड़ा है लेकिन सभी आतंकवादी संगठनों पर एक समान कार्रवाई नहीं की गई है। पाकिस्तानी सेना ने तहरीक-ए-तालिबान-ए-पाकिस्तान जैसे संगठनों के विरुद्ध अभियान तो चलाया लेकिन उसने लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।