ब्रायन ने टिकटॉक (Tik Tok) जैसे ऐप से पैदा हो रहे खतरे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि भारत ने पहले ही इस ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगर भारत और अमरीका में इन ऐप्स के इस्तेमाल पर रोक लग जाती है तो कुछ पश्चिमी देशों में देखादेखी रोक लगनी शुरू हो जाएगी। जिससे सीसीपी (चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी) के जासूसी या निगरानी को बड़ा धक्का लग सकता है।
ओ ब्रायन का कहना है कि जो बच्चे टिकटॉक का इस्तेमाल कर रहे हैं और यह मजेदार हो सकता है लेकिन कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी है, जिनका वे इस्तेमाल कर सकते हैं। वे आपके सभी निजी डेटा ले रहे हैं,आपका सबसे व्यक्तिगत डेटा ले रहे हैं। वे यह पता लगा रहे हैं कि आपके दोस्त कितने और कौन हैं। आपके माता-पिता की जानकारियां ले रहे हैं। वे आपके सभी संबंधों का पता लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी सूचनाएं सीधे-सीधे चीन में सुपर कम्प्यूटर्स में डालीं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चीन आपके बारे में सबकुछ जान रहा है। आपको इसे लेकर काफी सर्तन रहने की आवश्यकता है। आप किसे ऐसी निजी सूचना दे रहे हैं।’ शीर्ष अधिकारी के अनुसार ट्रंप प्रशासन न केवल टिकटॉक बल्कि वीचैट और कुछ अन्य चीनी ऐप्स पर भी सोच रहा है। चीन अमरीका का निजी डेटा पाने के लिए बेताब रहते हैं।
59 चाइनीज ऐप्स पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है भारत सरकार की ओर से जून के आखिरी सप्ताह में 59 चाइनीज ऐप्स पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। इन ऐप्स को भारतीय यूजर्स के लिए ऐपल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। इसके साथ इन ऐप्स का ऐक्सस भी पूरी तरह ब्लॉक कर दिया गया है। हालांकि,चीन भारत के ऐसा करने से नाखुश है और नई दिल्ली में हुई बाइलेटरल मीटिंग में भी ऐप बैन का मुद्दा उसकी ओर से उठाया गया।