श्रृंगला शुक्रवार को ही काबुल पहुंच गए
इस शांति समझौते का साक्षी बनने के लिए भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ( Harshvardhan Shringla ) शुक्रवार को ही काबुल ( Kabul ) पहुंच गए हैं। श्रृंगला ने अफगानिस्तान के लिए भारत की ओर से स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का समर्थन जताया। जानकारी के मुताबिक, श्रृंगला अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री हारून चाखनसुरी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने शांति समझौते से लेकर अफगानिस्तान के चहुंमुखी विकास को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई है।
रवीश कुमार ने भी किया ट्वीट
इसके अलावा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी इस संबंध में ट्वीट करके शृंगला और हारून के द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। उन्होंने लिखा कि अफगानिस्तान की राष्ट्रीय एकता, क्षेत्रीय अखंडता, लोकतंत्र और समृद्धि में भारत उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
पाकिस्तान को भी मिला है न्यौता
तालिबान और अमरीका के बीच संभावित शांति समझौते के हस्ताक्षर के अवसर पर होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान को भी न्योता भेजा गया है। संभावना है कि इस समझौते पर शनिवार को कतर की राजधानी दोहा में हस्ताक्षर होंगे। समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी दोहा पहुंच चुके हैं। कुरैशी ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अमरीका और तालिबान के बीच होने वाले शांति समझौते के अवसर पर होने वाले समारोह के लिए न्योता मिलना पाकिस्तान के लिए एक बड़े सम्मान की बात है। यह अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान की कोशिशों को दी गई मान्यता भी है।
अमरीका-तालिबान वार्ता के लिए राजी, अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ!
कुरैशी ने कहा कि पचास देशों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने जा रहे हैं जिसे पूरी दुनिया की मीडिया कवर करेगी। उन्होंने कहा, ‘दुनिया अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान की भूमिका को सराह रही है।’
भारत का विरोध करने से नहीं चूके कुरैशी
कुरैशी इस मौके पर भी भारत के विरोध से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि यहां पहुंचे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भारत की राजधानी दिल्ली में हो रही सांप्रदायिक हिंसा की चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश नाकाम हो चुकी है। भारत ने पाकिस्तान को FATF की काली सूची में डलवाने का प्रयास किया जो असफल रहा।
भारत पर पाकिस्तान ने लगाए आरोप
कुरैशी ने यहां तक आरोप लगा दिया कि भारत ने अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में बाधाएं उत्पन्न करने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद अगर यह समझौता हो जाता है तो यह (पाकिस्तान के लिए) बड़ी सफलता होगी। तालिबान और अमेरिका के बीच अगर शनिवार को यह समझौता हो जाता है तो इसके तहत अमेरिका की फौजें अफगानिस्तान से वापस लौटेंगी और इसके बदले में तालिबान अपने देश की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने देंगे।