जून 2017 में ही ट्रंप ने किया था ऐलान
हालांति, जून 2017 में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस ऐतिहासिक समझौते से अलग होने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, इसके दो साल बाद अब जाकर अमरीका ने इससे अलग होने की प्रक्रिया की शुरुआत की है। सोमवार को ट्रंप प्रशासन ने औपचारिक अधिसूचना जारी कर इस प्रक्रिया की शुरुआत की। इस बारे में अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जानकारी दी है। इसके साथ ही संबंधित रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है चार नवंबर 2020 को अमरीका इस समझौते से अलग हो जाएगा।
समझौते से अलग होने के प्रावधानों में पहला पड़ाव पार
आपको बता दें कि समझौते से अलग होने के प्रावधानों में सबसे पहला कदम है औपचारिक अधिसूचना देना। इसके एक साल बाद समझौते से अलग होने का प्रावधान प्रभाव में आता है। अमरीका ने इनमें से पहला कदम उठा लिया है। इसकी पुष्टि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने भी की है। एक बयान में प्रवक्ता ने बताया कि अमरीका ने पेरिस समझौते से हटने की आधिकारिक सूचना चार नवंबर 2019 महासचिव को दी है।
दुनियाभर में हो रही है आलोचना
हालांकि, ट्रंप के इस फैसले की दुनियाभर में कड़ी आलोचना हो रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को एक बयान में अमरीका के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि हमें अमरीका के इस समझौते से अलग होने का अफसोस है।