उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा, “मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि ज़िम्बाब्वे में भारतीय समुदाय, हालांकि संख्या में कम है, लेकिन वह देश के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमियों के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।उन्होंने भारतीय समुदाय से कहा कि आप दोनों देशों के बीच एक जीवित पुल के रूप में भी काम कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों ने एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत विरासत में हासिल की है।
देश के विकास और समृद्धि की दिशा में योगदान देने के लिए भारतीय डायस्पोरा की तारीफ करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, “21 वीं शताब्दी को एशिया और अफ्रीका की शताब्दी कहा जा रहा है। और भारत की इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आप जहां भी रहें, आप इस भूमिका के प्रभाव को महसूस करेंगे। आप भारत के बढ़ते प्रभाव को महसूस करेंगे।” उन्होंने देश में हालिया घटनाओं जैसे सरकार द्वारा चलाई गई सक्रिय सामाजिक-आर्थिक नीतियों, इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार और स्थिर कारोबारी माहौल में वृद्धि के बारे में भारतीय समुदाय को सूचित किया। आर्थिक विकास के संदर्भ में भारत को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में ‘उज्ज्वल सितारे’ के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, “भारत 8.2% की वर्तमान वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।” उपराष्ट्रपति ने समुदाय को भारत आने और देश में तेजी से सकारात्मक परिवर्तन को महसूस करने के लिए निमंत्रण दिया।
उपराष्ट्रपति आजकल जिम्बाब्वे के दौरे पर हैं। शनिवार को उपराष्ट्रपति को जिम्बाब्वे के विदेश मामलों के मंत्री सिबूसिसो बुसी मोयो, जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति इमरसन मंगागावा से बात करेंगे। दोनों देशों के बीच कुछ समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है। उपराष्ट्रपति नायडू के सम्मान में जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति द्वारा शनिवार को एक भोज का आयोजन किया जाएगा।