
रोम। इटली में कोरोना वायरस का कहर जारी है। यहां पर मौत का आंकड़ा दस हजार के पार कर चुका है। आखिर क्या कारण है कि इटली में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के बावजूद यहां पर मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। किस वजह से इटली ने इस बीमारी को समझने में देरी की। आइए जानते हैं आखिर क्यों इटली में इस बीमारी ने मौत का तांड़व मचा रखा है।
चीन और इटली के बीच बड़ा कपड़ा उद्योग
चीन और इटली की बड़ी गारमेंट कंपनियों के बीच खरबों का कारोबार है। इटली की कंपनियों को सस्ता माल उपलब्ध कराकर चीन इस उद्योग पर अपनी पकड़ बनाए हुआ था। यहां के कारोबारियों का चीन जाना लगा रहता है। वहीं चीन के लोग भी बेधड़क इटली में आत-जाते रहते हैं। बताया जाता है कि वुहान से रोम तक की यात्रा के लिए सीधे उड़ाने भी रखीं गई थीं। ऐसे में जब दिसंबर में संक्रमण फैलना शुरू हुआ तो चीन के लोगों का यहां बड़ी तादात में आना इटली के लिए भारी पड़ा। इस भीड़ में कोरोना से संक्रमित मरीज भी थे।
निमोनिया का इलाज कर रहे थे डॉक्टर
दिसंबर से फरवरी के बीच इटली में कोरोना वायरस को लेकर कोई तैयारी नहीं थी। यहां तक की डॉक्टर इस बीमारी के लक्षण वाले मरीजों का इलाज निमोनिया समझकर कर रहे थे। इंसान से इंसान में फैलने वाली इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने कोई एहतियात नहीं बरता। इलाज के दौरान कई स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमित हो गए। इसके कारण यह संक्रमण तेजी से फैला और एक बाद एक यह आधी आबादी तक फैल गया। इटली में संक्रमित लोगों की संख्या 92 हजार के पार है।
टूरिज्म को बढ़ावा देना भारी पड़ा
चीन और इटली के बीच व्यापारिक संबंध अधिक विकसित होने के कारण दोनों के बीच टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिला। इस कारण से दोनों देशों के लोगों को आसानी से एक- दूसरे के देश आने का मौका मिला। यह महामारी की तरह तब फैला जब चीनी टूरिस्ट की भारी संख्या यहां पर बीते महीने घूमने आई। इसके कारण कोरोना संक्रमण यहां पर तेजी फैला।
Updated on:
29 Mar 2020 11:14 pm
Published on:
29 Mar 2020 09:39 am
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