शरणार्थियों पर अत्याचार की निशानी बन गई जॉन मूर द्वारा ली गई यह तस्वीर सीमावर्ती इलाके की है। उन्होंने यह तस्वीर बच्ची के अभिभावाकों को हिरासत में लिए जाने के दौरान ली। हालांकि अमरीका में शरण पाने के लिए आवेदन के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस तस्वीर को मैग्जीन ने अपने अंदाज में पेश किया, जो शरणार्थियों पर अत्याचार की निशानी बन गई। बच्ची के पिता डेनिस वैलेरा बताते है कि उन्हें और उनकी पत्नी को टेक्सास के सीमावर्ती इलाके मैकलेन से गिरफ्तार कर लिया गया था। इस दौरान उनकी बच्ची काफी रो रही थी। उस समय की यह तस्वीर अब वायरल हो चुकी है। यह तस्वीर जब सोशल मीडिया पर चली तो लोग इसका विरोध करने लगे। वैरेला ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार टीवी पर अपनी रो रही बेटी को देखा तो काफी अजीब लगा था। उसके रोने को देखकर किसी का भी पसीज सकता है।
निंदा होने पर फैसला वापस लिया अवैध रूप से सीमा पार कर अमेरिका में आने वाले प्रवासियों से उनके बच्चों को अलग करने के आदेश की वैश्विक स्तर पर निंदा हो रही थी। पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन होने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे वापस ले लिया है। बीते दिनों ट्रंप ने सांसदों से इस मुद्दे पर हुई मुलाकात में कहा था कि वह बहुत जल्दी एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। बाद में ट्रंप ने पुराने आदेश को खत्म करने वाले शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया। इस दौरान उन्होंने कहा,ये परिवारों को एकसाथ रखने के लिए है। मैं परिवारों को अलग किए जाने के दृश्य को पसंद नहीं करता हूं। गौरतलब है कि पिछले दिनों अमरीकी सीमा में अवैध रूप से पार करने वाले अभिभावकों से करीब 2500 बच्चों को अलग कर दिया गया था।