1945 में जापान के बाद कभी परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं हुआ, लेकिन कई बार हालात हालात विश्व युद्ध जैसे बन गए।
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नई दिल्ली। करगिल युद्ध के दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ भारत पर परमाणु हमला करने की तैयारी में थे। वहीं एक अमरीकी सैन्य कमांडर ने कहा कि यदि राष्ट्रपति ट्रंप कह दें तो वह चीन पर परमाणु हमला कर सकते हैं। यह पहली बार नहीं। जापान पर किए गए दोहरे परमाणु हमले को छोड़ दें तो कम से कम छह बार दुनिया परमाणु युद्ध के मुहाने से लौटी है। 1945 में जापान के बाद कभी परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं हुआ, लेकिन कई बार हालात हालात विश्व युद्ध जैसे बन गए।
1962 क्यूबा मिसाइल संकट
शीतयुद्ध के दौरान सीआईए की मदद से 1961 में क्यूबा में फीदेल कास्त्रो को उखाडऩे के लिए विद्रोहियों के एक बड़े समूह ने समुद्री रास्ते (बे ऑफ पिग्स) से हमला किया, लेकिन कास्त्रो ने इसे नाकाम कर दिया। जवाब में कास्त्रो ने सोवियत परमाणु मिसाइलों को अपने यहां तैनात करना शुरू कर दिया।
1973 इजराइल करता शुरुआत
अक्टूबर, 1973 को मिस्र व सीरिया ने इजराइल के सबसे बड़े पर्व यौम किप्पूर पर हमला कर दिया। तत्कालीन इजराइली पीएम गोल्डा मायर ने वायुसेना को परमाणु हथियार सक्रिय कर विमानों में लोड करने का आदेश दे दिया। अमरीका ने डेफकॉन-3 अलर्ट जारी कर दिया। उसे डर था इजराइली हमल के जवाब में सोवियत संघ परमाणु हमला कर सकता है। दुनिया फिर परमाणु युद्ध की कगार पर पहुंच गया।
1983 सोवियत कमांडर ने बचाया
एक सितंबर, 1983 को सोवियत विमानों ने कोरिया के बोइंग 747 को मार गिराया। वह ऑटो पायलट में गड़बड़ी से सोवियत सीमा में घुस गया था। तीन सप्ताह बाद ही सोवियत चेतावनी केंद्र ने अमरीकी परमाणु मिसाइलों को सोवियत संघ की ओर आने की गलत सूचना दे दी। सोवियत कार्रवाई से पहले केंद्र के कमांडर स्टानिस्लाव पेत्रोव ने कहा, रडारों से पुष्टि होने तक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। वे सही निकले।
1983 नाटो युद्धाभ्यास से भ्रम
नवंबर, 1983 में पूर्वी यूरोप में नाटो के युद्धाभ्यास के दौरान सोवियत संघ को लगा कि यह उस पर परमाणु हमले की तैयारी है। जवाब में सोवियत संघ अपनी परमाणु मिसाइलों को 20 मिनट में हमले के लिए तैयार कर दिया। अमरीका सोवियत तैयारी को भांप नहीं पाया, लेकिन सितंबर की घटना के चलते अमरीकी परमाणु हथियार तैयार थे जिसके चलते सोवियत संघ ने कार्रवाई नहीं की ।
1995 पहली बार ब्रीफकेस सक्रिय
रूसी राष्ट्रपति बोरिस येलत्सिन दुनिया के पहले ऐसे नेता बने जिन्होंने परमाणु ब्रिफकेस सक्रिय किया। जनवरी 1995 में रूसी रडारों ने नार्वे से छोड़ा गए एक अनुसंधान रॉकेट को परमाणु मिसाइल समझ लिया। रूस ने अपनी परमाणु हथियारों से लैस मिसाइलों को हमले के लिए तैयार कर लिया, लेकिन कुछ ही समय में यह साफ हो गया कि वह केवल एक रॉकेट है।
पाक ने बम तैयार किए, भारत भी था तैयार, अमरीका ने रोका
1999 में करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर परमाणु हमले की तैयार कर ली थी। तत्कालीन पाक सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ ने परमाणु हथियार तैयार करने का आदेश दे दिया था, लेकिन ऐन मौके पर अमरीका इसे जान गया। भारत भी तैयार था। तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाक पीएम नवाज शरीफ बुलाकर कड़े शब्दों में कहा कि अमरीका कभी ऐसा नहीं होने देगा। इसके बाद ही पाकिस्तान यह हिम्मत न जुटा सका।
जब परमाणु युद्ध के सबसे करीब थे…
क्यूबा अमरीकी राज्य फ्लोरिडा से मात्र 180 किमी दूर है। अक्टूबर, 1962 में अमरीका और मिसाइलों को आने से रोकने के लिए क्यूबा की नौसेनिक नाकाबंदी कर दी। दो सप्ताह चले इस तनाव के दौरान एक अमरीकी जहाजों से घिरी परमाणु हथियारो से लैस सोवियत पनडुब्बी बी-59 का संपर्क बाकी दुनिया के कट गया। और उसका कमांडर परमाणु बम से लैस टारपीडो दागने वाला था। उसे लगा कि युद्ध शुरू हो चुका है और परमाणु हमले के सिवा कोई विकल्प नहीं। इस दौरान क्यूबा ने एक अमरीकी टोही विमान मार गिराया। अमरीका ने भी एफ-102 ए विमान उड़ाए जो परमाणु मिसाइलों से लैस थे। माना गया इस दौरान एक भी कदम परमाणु युद्ध छिड़ सकता था।