वैक्सीन बनाने का लक्ष्य 12 से 18 महीने इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (World Health Organization WHO) ने दुनिया भर को कोरोना वायरस को लेकर चेताते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर सबसे कम समय 5 साल इबोला की वैक्सीन (Corona Vaccines) बनाने में लगा था। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य निकाय ने बयान जारी करते हुए कहा कि “सामान्य तौर पर वैक्सीन बनाने में 8 से 10 साल लगते हैं, लेकिन हम इस समयावधि को और कम करना चाहते हैं। इबोला की वैक्सीन में पांच साल का वक्त लगा। कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए हमारा लक्ष्य 12 से 18 महीने का है। अगर ऐसा हुआ तो यह अद्भुत होगा।”
छोटे से हिस्से ने बीमारी के खिलाफ इम्यूनिटी हासिल की WHO ने आगे कहा कि ‘एक स्टडी से पता चला है कि वैश्विक आबादी के छोटे से हिस्से ने इस बीमारी के खिलाफ इम्यूनिटी हासिल कर ली है। हालांकि इस चेन को ब्रेक करने और वायरस को और अधिक फैलने से रोकने का सिर्फ एक ही तरीका वैक्सीन है।’ संस्था ने कहा कि ‘सभी लोगों पर कोरोना वायरस का खतरा है। ऐसे में सभी के पास इसे रोकने, पता लगाने और इलाज करने के लिए सभी साधनों तक पहुंच होनी चाहिए। संसाधनों पर पहुंच सिर्फ उनकी नहीं होनी चाहिए जो इलाज के लिए भुगतान दे सकते हैं।”
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आकंड़ों के अनुसार देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख के पार पहुंच चुका है। अब तक कुल 508,95 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इस खतरनाक वायरस को मात देने में 295881 लोगों ने कामयाबी पाई है वहीं मरने वालों की संख्या 15685 पर पहुंच गई है। एक बार फिर 24 घंटों में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इस दौरान 18552 नए मामले सामने आए हैं तो वहीं 384 लोगों की मौत हुई ।