अब टीम ने अपना मिशन समापन कर लिया है। WHO प्रमुख टेड्रोस एडहोम घेब्येयियस ( Tedros Adhanom Ghebreyesus ) ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चीन पहुंची टीम ने वायरस की उत्पत्ति जानने के लिए मिशन को पूरा कर लिया है। अब संक्रमण के संभावित उत्पत्ति का पता लगाने के लिए वुहान में अध्ययन शुरू किया जाएगा। इसके अलावा संक्रमण वाले संदिग्ध क्षेत्र में विशेषज्ञों का एक समूह तैनात किया जाएगा।
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अंतरराष्ट्रीय टीम की होगी तैनाती
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि वुहान में अंतरराष्ट्रीय टीम का तैनात किया जाएगा, जहां पिछले साल के अंत में कोरोना संक्रमण फैलना शुरु हुआ था। इस टीम में एक महामारी विशेषज्ञ और एक पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल है। वहीं, चीनी अधिकारी भी जांच पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। टेड्रोस ने बताया कि जांच के दौरान चीनी वैज्ञानिक भी सदस्यों की मदद करेंगे। संयुक्त रूप से यह पता लगाया जाएगा कि आखिर वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई? क्या ये वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैला या नहीं? हालांकि, अंतरराष्ट्रीय टीम वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का दौरा नहीं करेगा, जहां से कथित तौर पर वायरस उत्पन्न हुआ था।
चीन की खुलेगी पोल?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम की जांच में क्या सामने आएगा, इसको लेकर पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, इससे पहले खबरें सामने आई थी कि चीन ने कोरोना वायरस से जुड़े सबूतों को मिटा दिए थे। यह भी कहा जा रहा है कि वुहान में बाढ़ चीन की साजिश थी। ऐसे में जांच में इन बातों पर भी खुलासा हो सकता है।