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WHO: कोरोना की अचूक दवा संभव नहीं, हर स्तर पर बचाव के लिए कदम उठाने होंगे

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WHO के निदेशक टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने जेनेवा स्थित मुख्यालय से एक वर्चुअल ब्रीफिंग ये बात कही।
टेड्रोस ने कहा, दुनिया भर में महामारी से बचने के फेस मास्क (Face Mask) को एकजुटता का प्रतीक बनाना चाहिए।

Aug 04, 2020 / 08:39 am

Mohit Saxena

WHO के निदेशक टेड्रोस अदनोम घेबरेसस।

वाशिंगटन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि जरूरी नहीं कि कोविड-19 जो दवा बाजार में आए, उसके परीणाम सटीक हों। उसने कहा कि हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। कई देशों को इस पर रणनीति बनाने आवश्यकता है। WHO के निदेशक टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने जेनेवा स्थित मुख्यालय से एक वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा कि सभी सरकारों और यहां के निवासियों को साफ संदेश है कि बचाव के लिए वह हर संभव प्रयास करें। दुनिया भर में महामारी से बचने के फेस मास्क को एकजुटता का प्रतीक बनाना चाहिए।
WHO का कहना है कि दुनियाभर में महामारी से हालाता समान्य होने में वक्त लगेगा। इसके लिए कोई वैक्सीन आ जाने से राहत मिलने की उम्मीद कम हैं। लोगों को अपने स्तर पर बचाव के लिए कदम उठाने होंगे। संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य संस्था के प्रमुख ने कहा कि कई वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई अचूक दवा अभी सामने नहीं है। संभवत: ऐसा कभी हो भी नहीं सकता। इस मौके पर टेड्रोस और डब्ल्यूएचओ के आपात मामलों के प्रमुख माइक रियान ने सभी देशों से कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क, सोशल डिटेंसिंग, हाथ धोना और टेस्टिंग जैसे उपायों को सख्ती के साथ लागू करने की अपील की।
अमरीका में तेजी से बढ़ रहे संक्रमित

दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित मामले अमरीका में हैं। यहां पर संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस देश में पीड़ितों की संख्या 48 लाख के पार पहुंच चुकी है। अमरीका के टेक्सास और फ्लोरिडा समेत कई दूसरे प्रांतों में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। पूरे देश में अब तक कुल एक लाख 58 हजार अधिक लोगों ने इस महामारी से जान गंवाई है।
बच्चों को अधिक खतरा हो सकता है

इससे पहले टेड्रोस ने जून के माह में बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता पर कहा था कि सभी जानते हैं कि बड़ों के मुकाबले बच्चों में कोविड-19 का जोखिम बहुत कम होता है। दूसरी ऐसी कई बीमारियां हैं, जिससे बच्चों को अधिक खतरा हो सकता है। स्तनपान से ऐसी बीमारियों को रोका जा सकता है। मौजूदा प्रमाण के आधार पर संगठन सलाह देता है कि वायरस संक्रमण के जोखिम से स्तनपान के फ़ायदे सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा कि जिन मांओं के कोरोना संक्रमित होने का शक है या फिर जिनके संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है, उन्हें बच्चे को स्तनपान के लिए उत्साहित किया जाना चाहिए। अगर मां की सेहत ज्यादा खराब नहीं है तो नवजात को मां से दूर नहीं किया जाना चाहिए।

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