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आधार से लेकर स्मार्ट फोन तक में इस्तेमाल होता है फिंगरप्रिंट, लेकिन क्या आप जानते हैं उसकी कैसे हुई थी शुरुआत?

Published: Sep 28, 2017 10:57:02 am

Submitted by:

राहुल

वर्तमान दौर में फिंगरप्रिंट एक जरूरी प्रकिया बनकर सामने आई है। कहीं भी कोई संदिग्‍ध मामला होता है तो सबसे पहले जांच फिंगर प्रिंट से ही शुरू होती है

Started Using Fingerprinting
आज के वर्तमान दौर में फिंगर प्रिंट एक जरूरी प्रकिया बनकर सामने आई है। कहीं भी कोई संदिग्‍ध मामला होता है तो सबसे पहले जांच फिंगर प्रिंट से ही शुरू होती है। यहाँ तक कि अब तो आधार कार्ड हो या स्मार्ट फ़ोन, फिंगर प्रिंट की महत्वता बहुत ज्यादा हो चली है। देखा जाए तो इन्हीं फिंगर प्रिंट की मदद से पुलिस कई आपराधिक मामलों को भी काफी हदतक सुलझाने में कामयाब होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कब और कैसे शुरू हुई थी ये फिंगर प्रिंट लेने की प्रक्रिया…
वैसे हम आपको सबसे पहले आप यह जरूर जानना चाहेंगे कि किसी मनुष्य के फिंगर प्रिंट, जीवित और मृतावस्था में कब तक कायम रहते हैं? तो इसका अंदाजा आपको एक अदभुत घटना के बारे में पढ़ने से लग जाएगा। रॉबर्ट फिलिप्स नाम के एक अपराधी ने तो अपने फिंगर प्रिंट मिटाने के लिए अपने सीने की त्वचा को सर्जरी के ज़रिए अपनी उंगलियों पर लगवा लिया था। लेकिन वो भी नाकाम हुआ और उसे हथेली पर मौजूद निशानों की मदद से पकड़ लिया गया।
Started Using Fingerprinting
अब आते हैं इस मुद्दे पर कि दुनिया में फिंगरप्रिंट्स की शुरुआत कैसे हुई! दरअसल इसकी शुरुआत दो हमशक्ल अपराधियों के बेहद अनोखे मामले के बाद हुई थी। आप जिस तस्वीर को देख पा रहे हैं उसमें बाईं ओर जो व्यक्ति है, उसका नाम विल वेस्ट है। दाई ओर विलियम वेस्ट है। दोनों के रंग-रूप में कोई अंतर नहीं है, क्योंकि दोनों भाई उन्हें देखकर अमेरिका के कंसास में जेल के अधिकारी-कर्मचारी भी हैरान रह गए थे। 1903 में जब विल वेस्ट को लिवेनवेस्ट जेल में लाया गया, तो रिकॉर्ड रखने वाले क्लर्क का कहना था कि उसे 2 साल पहले भी जेल में रखा गया था।
Started Using Fingerprinting
नाम की समानता से लेकर उनकी शक्‍लें भी मिलती जुलती थीं। जेल अधिकारियों के भी होश उड़ गए। इनकी असली पहचान करना काफी मुश्किल हो रहा था। इसके बाद अब इन दोनों में पहचान करने के लिए फिंगरप्रिंट टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल किया गया। यह टेक्‍नोलॉजी इसकी असली पहचान करने में सफल हुई। इसके बाद से फिंगरप्रिंट लेने का चलन शुरू हो गया। धीरे धीरे हर जगह पर कैदियों के फिंगर प्रिंट लेने का नियम बन गया।
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