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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नहीं हुआ औपचारिक स्वागत, ये थी वजह

रूसी राष्ट्रपति ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा पर अधिकतम समय बिताने की इच्छा जताई थी

नई दिल्लीOct 06, 2018 / 09:49 am

Siddharth Priyadarshi

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नहीं हुआ औपचारिक स्वागत, ये थी वजह

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के भारत दौरे के बाद शुक्रवार शाम मॉस्को के लिए रवाना हो गए। S-400 मिसाइल समझौते को अंतिम रूप देने के बाद रूसी राष्ट्रपति ने वापस अपने वतन की राह ली। व्लादिमीर पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस मिसाइल डील की वजह से बेहद खास रही। इस यात्रा के दौरान एक और भी विशेष बात हुई। इस बार राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत नहीं किया गया। बता दें कि विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के अन्य देश में जाने पर उनके औपचारिक स्वागत किये जाने की परम्परा रही है। भारत के सरकारी दौरे पर आने वाले सभी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को राष्ट्रपति भवन में गॉड ऑफ ऑनर दिए जाने के साथ ही उनका औपचारिक स्वागत भी किया जाता है। लेकिन रूसी राष्ट्रपति को ऐसा कोई प्रोटोकॉल नहीं दिया गया। आइए, आपको बताते हैं क्या थी इसकी वजह।

नहीं हुआ रूसी राष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत

रूसी राष्ट्रपति का औपचारिक स्वागतन किए जाने की वजह भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल पुतिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत इसलिए नहीं किया गया था क्योंकि मास्को ने नई दिल्ली से यात्रा को “अनौपचारिक” रखने का अनुरोध किया था। रूस ने भारत से यात्रा को “यथासंभव अनौपचारिक” रखने का अनुरोध किया, इसलिए भारत ने प्रोटोकॉल से परहेज किया और राष्ट्रपति पुतिन का औपचारिक स्वागत नहीं किया गया। राष्ट्रपति पुतिन अपने व्यस्त शेड्यूल में पीएम मोदी के साथ चर्चा के लिए ज्यादा समय चाहते थे इसीलिए उन्होंने सरकारी आयोजनों से बचने का तरीका अपनाया। रूसी राष्ट्रपति ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा पर अधिकतम समय बिताने की इच्छा जताई थी। इस तरह रूस के आग्रह पर भारत ने प्रोटोकॉल से अलग हटकर राष्ट्रपति पुतिन के लिए कोई फॉर्मल रिसेप्शन नहीं दिया।

पीएम मोदी ने किया डिनर का आयोजन

रूसी राष्ट्रपति के व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, प्रधान मंत्री मोदी ने अपने निवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर उनके लिए रात्रिभोज की मेजबानी की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने देश दुनिया के कई बड़े मसलों पर तीन घंटे तक चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच यह वन-टु-वन चर्चा बेहद गहन रही।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति पुतिन ने जोर देकर कहा कि भारत को भूमिगत जलमार्ग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रूस के नागरिक विमान क्षेत्र और रूस के शिल्प उद्योग की तरफ देखना चाहिए। उधर प्रधान मंत्री मोदी ने आशा व्यक्त की कि रूसी बाजार भारतीय फार्मास्यूटिकल्स और आईटी क्षेत्र के लिए और भी अधिक खुलेंगे। दोनों नेताओं ने तेल के बढ़ते दामों पर भी बात की। इस दौरान पुतिन ने पीएम मोदी को बताया कि कैसे रूस अपना तेल उत्पादन बढ़ा रहा है। पुतिन ने अंतरिक्ष में भी में भारत के मानव मिशन में रूसी सहयोग का भी आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और रूस को खरीदार और विक्रेता के संबंध से आगे बढ़ते हुए डिफेंस सेक्टर में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत निर्माता और सह निर्माता के स्तर तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए।दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद पर भी चर्चा की। राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी के साथ जीएसटी पर भी चर्चा की। पुतिन ने रूस में इसे शुरू करने की इच्छा जताई।

मजबूत हुए भारत और रूस के संबंध

पुतिन के इस बहुचर्चित दौरे से भारत और रूस के बीच आपसे सहयोग के नए द्वार खुल गए हैं। दोनों देशों के बीच मिसाइल डिफेंस समझौता बेहद खास रहा। इससे भारत-रूस मैत्री और प्रगाढ़ होने के संकेत भी स्पष्ट रूप से मिले हैं। कूटनीति के जानकारों का मानना है कि यात्रा अनौपचारिक बनाना दोनों देशों के बीच आपसी गर्मजोशी और सहज संबंध को दिखाता है।

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