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विश्व कैंसर दिवस: सही समय पर इलाज मिलने से कैंसर को भी मात दे सकता है इंसान

Published: Feb 04, 2019 11:57:08 am

Submitted by:

Mohit Saxena

ज्यादातर लोगों को कैंसर का पता उसकी आखिरी स्टेज में चलता है, इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है

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कैंसर

नई दिल्ली। कैंसर से आज पूरा विश्व परेशान है। इस बीमारी से निपटने के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। कई बार देखा गया है कि लोगों को कैंसर के बारे में तब पता चलता है जब वह आखिरी स्टेज पर होते हैं। उन्हें इस हालत में अस्पताल पहुंचाया जाता है,जब वह अपनी आखिरी सांसे गिन रहे होते हैं। कैंसर का अब इलाज संभव है। बशर्ते मरीज का सही समय पर उपचार शुरू हो जाए। कई तरह के कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी के जरिए किया जाता है। जिससे कई मरीज मौत के मुंह से निकलकर सामने आए हैं। जानी मानी हस्तियों में क्रिकेटर युवराज सिंह, सोनाली बेंद्रे आदि इसकी चपेट में आए। मगर उन्हें सही समय पर इलाज मिला, जिसके कारण आज वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हैं
2020 तक कैंसर से होने वाली मृत्यु दरों को कम करना है

विश्व कैंसर दिवस को आज के दिन अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा घोषित किया गया। यह वर्ष 2008 में विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए स्थापित किया गया था। इसका लक्ष्य 2020 तक कैंसर से होने वाली बीमारी और मृत्यु दरों को काफी कम करना है। इसका उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करना है। आइए जानते हैं कैंसर के लक्षण और बचाव के उपाय।
• दुनिया भर में कैंसर जैसी बीमारी से मरने वालों की तादात सबसे अधिक है, 2012 में लगभग 14 लाख नए मामले सामने आए थे।
• अगले 2 दशकों में नए मामलों की संख्या लगभग 70 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
• कैंसर विश्व स्तर पर मौत का दूसरा प्रमुख कारण है, 2018 में 9.6 मिलियन मौतों के लिए ये जिम्मेदार है।

• पुरुषों में फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और यकृत कैंसर सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं, जबकि स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, गर्भाशय ग्रीवा और थायरॉयड कैंसर महिलाओं में सबसे आम हैं।
• कैंसर से लगभग एक तिहाई मौतें पांच प्रमुख व्यवहार और आहार संबंधी जोखिमों के कारण होती हैं। उच्च शरीर द्रव्यमान सूचकांक, कम फल और सब्जी का सेवन,शारीरिक गतिविधि की कमी,तंबाकू का उपयोग और शराब का उपयोग।
• तम्बाकू का उपयोग कैंसर के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है और लगभग 22 प्रतिशत कैंसर से होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है।

• कैंसर के कारण संक्रमण,जैसे हेपेटाइटिस और मानव पैपिलोमा वायरस (एचपीवी), निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 25 प्रतिशत तक कैंसर के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।
• कैंसर का आर्थिक प्रभाव महत्वपूर्ण है और बढ़ता जा रहा है। 2010 में कैंसर की कुल वार्षिक आर्थिक लागत का अनुमान लगभग 1.16 मिलियन ट्रिलियन अमरीकी डालर था।

• केवल पांच निम्न और मध्यम आय वाले देशों में कैंसर नीति को चलाने के लिए आवश्यक डेटा है।
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