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वर्ल्ड हेल्थ डे: 3.88 प्रतिशत बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका

46 प्रतिशत बच्चे अपनी अवस्था की तुलना में कम वजन के हैं
79.2 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से पीडि़त हैं
गर्भवती महिलाओं में एनीमिया 50 से 58 प्रतिशत बढ़ा है

Apr 07, 2019 / 12:36 pm

Mohit Saxena

world health day

वर्ल्ड हेल्थ डे: 3.88 प्रतिशत बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका

नई दिल्ली।सात अप्रैल को हर साल वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है। इसका मकसद दुनिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। सात अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना हुई थी। इसके दो साल बाद 1950 से हर वर्ष स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। हालांकि अभी भी भारत में लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं हैं। लोगों के खान-पान के स्तर में अभी भी बहुत से सुधार होने बाकी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार तीन वर्ष की अवस्था वाले 3.88 प्रतिशत बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका है और 46 प्रतिशत बच्चे अपनी अवस्था की तुलना में कम वजन के हैं जबकि 79.2 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से पीडि़त हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया 50 से 58 प्रतिशत बढ़ा है।
भारत की स्थिति चिंताजनक

कहा जाता है कि बेहतर स्वास्थ्य से आयु बढ़ती है। इंडिया हेल्थ रिपोर्ट 2010 के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य की सेवाएं अभी भी पूरी तरह से मुफ्त नहीं हैं और जो हैं उनकी हालत अच्छी नहीं है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की कमी है। अस्पतालों में मूलभूत सेवाएं अभी भी उपलब्ध नहीं हैं। निचले तबके तक यह सुविधा नहीं पहुंच सकी है। हालांकि सरकार द्वारा चलाई जा रही दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत ने गरीब तबके को मजबूती दी है। मगर अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।
स्वास्थ्य दिवस पर एक थीम निर्धारित

डब्ल्यूएचओ हर साल स्वास्थ्य दिवस पर एक थीम निर्धारित करता है। बीते साल अवसाद की समस्या से संबंधित थीम रखी गई थी। इस साल स्वास्थ्य दिवस पर यूनिवर्सल थीम हेल्थ कवरेज एवरीवन, एवरीवेयर रखा गया है, यानि की सभी वर्ग के लोगों को बिना किसी वित्तीय कठिनाई के बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले।
इसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य स्तर को उठाना है

1948 में सात अप्रैल,के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अन्य सहयोगी और संबद्ध संस्था के रूप में दुनिया के 193 देशों ने मिल कर स्विट्जरलैंड के जेनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन की नींव रखी थी। उसी साल डब्ल्यूएचओ की पहली विश्व स्वास्थ्य सभा हुई, जिसमें सात अप्रैल से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला लिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य के स्तर को ऊंचा उठाना है। हर इनसान का स्वास्थ्य अच्छा हो और बीमार होने पर हर व्यक्ति को अच्छे इलाज की सुविधा मिल सके।

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