सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में प्रमाणपत्र मिलने के बाद बिगड़ी तबीयत
चितेत्सु वतनाबे ने बीते 12 फरवरी को आधिकारिक रूप से निगाता प्रांत के जोएत्सु के एक नर्सिग होम में प्रमाणपत्र प्राप्त किया था। वह निगाता में रहते थे। वतनाबे के बड़े बेटे की पत्नी ने सार्वजनिक प्रसारक एनएचके को उनकी मृत्यु के बारे में जानकारी दी। बहू ने अपने बयान में यह भी बताया कि सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद से उनकी हालत लगातार खराब होती रही। उन्हें भूख की कमी और सांस संबंधी दिक्कतें शुरू हो गईं।
महान गणितज्ञ कैथरीन जॉनसन का निधन, NASA के अंतरिक्ष सफर में निभाई अहम भूमिका
किसान परिवार में जन्में थे वतनाबे
आपको बता दें कि वतनाबे का जन्म 5 मार्च, 1907 को एक किसान परिवार में हुआ था। वह 20 साल की उम्र में ताइवान चले गए। यहां उन्होंने 18 साल तक एक शुगर रिफाइनरी में काम किया। द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद जापान लौटे। वतनाबे को कैलीग्राफी, कस्टर्ड और आइसक्रीम पंसद थी। सर्टिफिकेट प्राप्क करते वक्त चितेत्सु वतनाबे ने गिनीज टीम से कहा था कि उनके लंबे जीवन की कुंजी हंसी है।
महान गणितज्ञ कैथरीन जॉनसन की 101 वर्ष की आयु में निधन
दूसरी तरफ अंतरिक्ष ( Space ) में नए आयाम हासिल करने वाले अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA को इस मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाली महान गणितज्ञ कैथरीन जॉनसन ( Catherine G Johnson ) के निधन की भी खबर आई है। ‘ह्यूमन कंप्यूटर’ के नाम से मशहूर कैथरीन ने 101 साल की उम्र में दुनिया छोड़ दी।
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मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने में कैथरीन की अहम भूमिका
कैथरिन के नाम कई उपलब्धियां दर्ज है। ऐसा माना जाता है कि अंतरिक्ष यात्रा संबंधित उनकी गणनाओं के कारण ही मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने में मदद मिली। कैथरीन ही वह महिला थीं जिनकी गणनाओं की वजह से मानव को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा जा सका और सोवियत यूनियन ( Soviet Union ) से अमरीका काफी आगे निकल गया।