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यूं बीता यह सालः मालदीव में आपातकाल तो पाकिस्तान में इमरान’काल’

दुनियाभर में वर्ष 2018 कई उतार-चढ़ाव भरा रहा। जहां ब्रिटेन में ब्रेग्जिट को लेकर थेरेसा मे को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा तो पेट्रोल, डीजल पर टैक्स बढ़ना फ्रांस में प्रदर्शन की वजह बना।

नई दिल्लीDec 24, 2018 / 08:40 pm

अमित कुमार बाजपेयी

यूं बीता यह सालः दुनिया में ओबामा’काल’ तो पाकिस्तान में इमरान’काल’

नई दिल्ली। दुनियाभर में वर्ष 2018 कई उतार-चढ़ाव भरा रहा। जहां ब्रिटेन में ब्रेग्जिट को लेकर थेरेसा मे को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा तो पेट्रोल, डीजल पर टैक्स बढ़ना फ्रांस में प्रदर्शन की वजह बना। एक ओर उत्तर और दक्षिण कोरिया के रिश्ते सुधरे तो ट्रंप की जिद ने कई तरह के गतिरोध पैदा किए। पाकिस्तान में सत्ता की बागडोर इमरान खान ने संभाली तो जमाल खशोगी की हत्या ने सऊदी अरब सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।
मालदीव में आपातकाल

साल की शुरुआत में ही मालदीव में आपातकाल का ऐलान हुआ। फरवरी में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में 15 दिनों के आपातकाल का ऐलान किया। राजनीति कैदियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को यामीन ने मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए, जिस वजह से देश में आपाताल का ऐलान किया गया।
कई देशों के विरोध के बाद 22 मार्च 2018 को आपातकाल खत्म होने का ऐलान हुआ। बाद में चुनाव हुआ, जिसमें यामीन की जगह इब्राहिम मोहम्मद सोलिह देश के नए राष्ट्रपति बने।

पाकिस्तान में इमरान की सरकार
पड़ोसी देश पाकिस्तान में 25 जुलाई को संसदीय चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने जीत हासिल की और वह देश के नए प्रधानमंत्री बने। भारत, पाकिस्तान संबंधों में नरमी लाने के लिहाज से इमरान ने करतारपुर गलियारा खोलने का ऐलान किया।
करतारपुर गलियारा खोलने की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है। यह साल नवाज शरीफ के लिए मुश्किल भरा रहा। उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करना पड़ा। एक मामले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही उन्हें चुनाव लड़ने के अयोग्य भी करार दिया गया।
 

थेरेसा की मुश्किल

ब्रिटेन में ब्रेग्जिट को लेकर प्रधानमंत्री थेरेसा मे की मुश्किलें बढ़ीं। ससंद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, हालांकि वह विश्वास मत जीत गई, लेकिन उनकी ही पार्टी के एक तिहाई से अधिक सांसदों का उनके खिलाफ खड़े होना एक चुनौती रहा।
दक्षिण और उत्तर कोरिया के रिश्तों में सुधार

दशकों से एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन रहे दक्षिण और उत्तर कोरिया के रिश्तों में नरमी देखी गई। किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया का दौरा किया तो दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन भी प्योंगयांग आए। इस साल किम जोंग और ट्रंप की जुबानी जंग ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी थमा और दोनों नेताओं ने सिंगापुर में मुलाकात की। उत्तर कोरिया कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को बंद करने पर भी राजी हुआ।
ओबामाकाल

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस पूरे साल दुनिया के लिए सिरदर्द बने रहे। ओबामा काल में हुए ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग करने से लेकर ईरान पर एकतरफा कड़े प्रतिबंध लगाने, सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने, रूस सहित कई देशों पर प्रतिबंध लगाने, दशकों पुरानी परंपरा को तोड़कर इजरायल के जेरूसलम में अमेरिकी दूतावास खोलने, जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने जैसे तमाम फैसलों से गतिरोध बढ़ाया।

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