दरअसल सीरिया के पूर्वी घूटा में खाने के लाले पड़े हुए हैं। आलम ये है कि अब लोग अपना पेट भरने के लिए कूड़ा-कचरा खाने के लिए मजबूर हैं। युनाइटेड नेशंस के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों में भूख की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सीरिया के ये भूखे बच्चे खाना न मिलने की वजह से बेहोश हो जा रहे हैं।
दिलों को झकझोर देने वाली इस तस्वीर में दिख रही ये बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है। जिसका नाम सहर दोफदा था। सहर की मौत के बाद स्थानीय अधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यहां सहर की तरह की कई बच्चे खतरे में हैं। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने बताया कि एक अन्य लड़के ने आत्महत्या कर ली। पूर्वी घूटा के एक नागरिक ने बड़ी ही शांत आवाज़ में कहा कि मेरी बेटी रोती है, क्योंकि उसे पता है कि उसे आज रात भी भूखे पेट ही सोना है।
लेकिन बड़ी ही शर्म की बात है कि प्रशासन ने ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए भी नाकेबंदी को और भी ज़्यादा बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं प्रशासन ने अपने ही निर्वासित नागरिकों को वहां निकलने पर भी रोक लगा रखी है। इसके साथ ही ज़रुरत की सहायता सामग्री की आपूर्ति को भी पहुंचने नहीं दिया जा रहा है। सीरिया डीपली न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सिर्फ 6 खेप ही सहायता सामग्री पूर्वी घूटा पहुंच पाई है।