scriptWorld Recap 2018: मानवता के विस्थापन का वर्ष, हजारों लोग अपनी धरती छोड़ने पर हुए मजबूर | Year of displacement of humanity, people forced to leave land | Patrika News

World Recap 2018: मानवता के विस्थापन का वर्ष, हजारों लोग अपनी धरती छोड़ने पर हुए मजबूर

locationनई दिल्लीPublished: Dec 29, 2018 02:29:27 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

एक देश से दूसरे देश में जाकर बसे लोग शरणार्थी बन गए। कई देशों में लोग अवैध रूप से सीमाओं को पार करके शरणार्थी बने

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world recape 2018: मानवता का विस्थापन का वर्ष, हजारों लोग अपनी धरती छोड़ने पर हुए मजबूर

नई दिल्ली। साल 2018 में दुनिया भर में पलायन की एक मुख्य समस्या के रूप में उभरा है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध के विधिवंस ने लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर किया। वहीं कहीं मौसम की मार ने लोगों को बेघर कर दिया। इस दौरान हिंसा की चपेट आए लोगों को भी अपनी मात्रभूमी को छोड़ना पड़ा। पलायन की चपेट में म्यांमार, बाग्लादेश, अमरीका, भारत सहित यूरोप के कई देश रहे। एक देश से दूसरे देश में जाकर बसे लोग शरणार्थी बन गए। कई देशों में लोग अवैध रूप से सीमाओं को पार करके शरणार्थी बने। इसके चलते कई देशों के बीच तनाव के हालात भी बने।
रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार से खदेड़ा गया

इस साल सबसे अधिक चर्चा म्यांमार से पलायन करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की हुई। म्यांमार के रखाइन प्रांत से लाखों मुसलमानों को सैन्य कार्रवाई के कारण देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। इस घटना को लेकर आंग सांग सू की दुनिया भर में निंदा हुई। म्यांमार की सेना की कठोर कार्रवाई से भयभीत होकर करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने सीमा पार कर भारत और बांग्लादेश में शरण ली। म्यांमार से करीब 60,000 रोहिंग्या भारत आए और विभिन्न राज्यों में शरणार्थियों की तरह रह रहे हैं। जम्मू और कश्मीर के हिन्दू बहुल क्षेत्र जम्मू में 10 हजार से अधिक रोहिंग्या मुस्लिमों ने शरण ले रखी है। बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर सबसे बड़ी तादाद में रोहिंग्या मुस्लिमों के शरणार्थी शिविर हैं। यहां करीब 350,000 शरणार्थी हैं।
आतंकवाद ने देश छोड़ने को मजबूर किया

इस्लामिक स्टेट आईएस के आतंक के चलते सीरिया और इराक से शिया, ईसाई समुदाय के लोग यूरोप के कई देशों में शरण लेनी पड़ी। सिर्फ सीरिया में ही 65 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए। इतनी ही जनसंख्या में इराक से भी पलायन किया। तुर्की में सबसे अधिक शरणार्थियों ने शरण ली। तुर्की में करीब 35 लाख पंजीकृत शरणार्थी हैं। इनमें बड़ी संख्या सीरियाई लोगों की है। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन में भी शरणार्थी पहुंचे। यूरोप के इन देशों में लाखों की संख्या में इराक और सीरिया के शरणार्थी रह रहे हैं।
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