लेकिन बीते बुधवार को विज्ञानिकों ने इस मिथक को सुलझाने का दावा किया है। बीते साल शोधकर्ताओं को मिले येती के बालों के गुच्छे ने इस रहस्य को उलझा दिया था लेकिन वैज्ञानिकों की एक टीम के मुताबिक, बालों का यह गुच्छा 40 हजार साल पुरानी प्रजाति वाले पोलर बियर के हैं।
इससे पहले स्टीव बैरी नाम के एक पर्वतारोही ने भूटान में येती के पैरों के निशानों को देखने का दावा किया था। स्टीव ने इसकी तस्वीर भी ली थीं। उसका कहना था कि तस्वीर में जो पैरों के निशान दिख रहे थे वह येती(हिममानव) के थे।
लेकिन हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि येती नाम से जाने जानेवाला विवादित जीव दरअसल एक भालू है। यह एशियन ब्लैक, तिब्बती ब्राउन और हिमालयन ब्राउन में से कोई एक है। शोध में सामने आया है कि हिमालय के मिथकीय हिम मानव भूरे भालुओं की ही एक उप-प्रजाति के हो सकते हैं। उन्होंने इन नमूनों के परीक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, ‘शोध से इस ओर इशारा मिलता है कि मिथकीय हिममानव से जुड़े आधार स्थानीय भालूओं में पाए जा सकते हैं।’
बता दें कि येति का अस्तित्व का केवल एशिया में ही नहीं, अपितु दुनिया के कई क्षेत्रों में माना जाता है। येति शेरपा शब्द है जिसमें येह का मतलब चट्टान और तेह का मतलब जंतु है। यानी चट्टानों का जीव।