बता दें कि मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने जाकिर नाईक को भारत के हवाले करने की बात को सिरे से नकार दिया था। जिसके बाद से जाकिर ने प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद की तारीफों के पुल बांध दिए और मलेशिया सरकार को धन्यवाद कहा।
मलेशियाई पीएम ने जाकिर नाईक को प्रत्यर्पण से किया इन्कार, कहा- भारत के सिर्फ चाहने से वापस नहीं कर देंगे जाकिर नाईक ने कहा कि, मैं मलयेशिया की सरकार और प्रधानमंत्री का शुक्रिया करना चाहुंगा कि उन्होंने मुझे यहां रहने की इजाजत दी। प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के इस फैसले से एक बार फिर मलयेशिया की सरकार के न्याय पर मेरा भरोसा कायम हुआ है। साथ ही जाकिर ने कहा कि मैं भारत में भी शांति और सुकून के माहौल की कामना करता हूं।
आपको बता दें कि मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर ने अपने एक बयान में कहा था कि भारत, जाकिर नाइक का प्रत्यर्पण चाहता है लेकिन उसकी ये इच्छा इतनी जल्दी पूरी नहीं होगी। प्रधानमंत्री ने अपना ये बयान जाकिर से मिलने के तीन दिन बाद दिया था।
गौरतलब है कि कट्टरपंथी प्रचारक जाकिर भारत में कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग मामलों का भी आरोपी है। वह 2016 में ही भारत छोड़ चुका है। इस समय वह मलेशिया सरकार के सरंक्षण में है और वहां की सरकार का भी उसे सपोर्ट मिल रहा है। यहां तक की नाईक को मलयेशिया में स्थायी रूप से रहने की अनुमति भी मिल गई है। भारत के हवाले करने की बार पर मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर उसके बचाव में आए और कहा उनकी सरकार किसी भी प्रकार की मांग को पूरा करने से पहले सभी पहलुओं की जांच करेगी उसके बाद ही कोई फैसला लेगी।