एक ओर जहाँ जिम्बाब्वे के लोग गरीबी-भुखमरी से अकाल मौत मर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस देश के राष्ट्रपति का बेटा अपनी अय्याशी पर पैसा लुटा रहा है
एक ओर जहाँ जिम्बाब्वे के लोग गरीबी-भुखमरी से अकाल मौत मर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस देश के राष्ट्रपति का बेटा अपनी अय्याशी पर पैसा लुटा रहा है। राष्ट्रपति का बेटा आलीशान जिंदगी जीने में मशगूल है। पिता की दौलत को वह नाइट क्लब, महंगी शराब और ऐश-आराम पर उड़ा रहा है। वह उसमें हजारों रुपए की शराब को लाखों रुपए की हीरे जड़ी घड़ी पर उड़ेलते दिख रहा है। यह पहला मौका नहीं है, जब राष्ट्रपति के बेटे ने सोशल मीडिया पर इस तरह की फोटो शेयर की हों। वह पार्टी और मौज-मस्ती करने के लिए पहले से ही सुर्खियों में रहा है।
पिता की दौलत से आलीशान जिंदगी जी रहा राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का बेटा चातूंगो नाइट क्लब, महंगी शराब और शबाब का शौकीन है। राष्ट्रपति के बेटे से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह हजारों रुपए की शराब को लाखों रुपए की हीरे जड़ी घड़ी पर उड़ेलते दिख रहा है। यह पहला मौका नहीं है, जब राष्ट्रपति के बेटे ने सोशल मीडिया पर इस तरह की फोटो शेयर की हों। वह पार्टी और मौज-मस्ती करने के लिए पहले से ही सुर्खियों में रहा है।
जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे हैं जिनके दो बेटे हैं। एक का नाम है- चातूंगा बेल्लारमाइन मुगाबे और रॉबर्ट। रिपोर्ट्स की मानें तो राष्ट्रपति पिता ने अपने बड़े बेटे को महंगी घड़ी दिलाई। रिपोर्ट्स की मानें, तो इसकी कीमत 38 लाख 36 हजार 963 रुपए (45 हजार ब्रिटिश पाउंड्स) है।
राष्ट्रपति का बड़ा बेटा पार्टी करने का बेहद शौक़ीन है इस दौरान के साथ इस दौरान दो-तीन लोग और भी होते हैं, जिसमें लड़कियां भी शामिल होती हैं। बता दें कि डब्ल्युएफपी के अनुसार वहां गांव में लोगों को भोजन की कमी से जूझना पड़ रहा है। हालात इसी स्तर पर बिगड़ते रहे तो 2014 के पूर्वार्द्ध में वहां आम ग्रामीणों के सामने खाने की कमी का जोखिम पैदा होगा। संगठन का कहना है कि वहां 2009 में जो खाद्य संकट आया था इस बार स्थिति उससे भी अधिक होगी।
लेकिन जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति का बेटा नाइट क्लबों में लड़कियों के साथ अय्याशी कर रहा है। उधर, देश की तकरीबन तीन चौथाई आबादी भुखमरी और गरीबी का दंश झेलने को मजबूर है। बता दें कि डब्लयुएफपी का आरोप है कि इस संकट की वजह कई हैं। इनमें एक बड़ी वजह मौसम की बदली परिस्थिति है जबकि दूसरा बड़ा कारण कृषि आधारित सामग्री बीज, खाद्य आदि का महंगा होना है। अनाज की कीमत इस साल पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक बताई जा रही है।