गूगल इसलिए ले रहा जानकारी
खबर है कि गूगल द्वारा लोकेशन की जानकारी इकट्ठा करने जैसा काम जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। इस बारे में गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इस साल जनवरी में हमने मैसेज डिलिवरी को और भी तेज करने के लिए सेल आईडी कोड्स को अडिशनल सिग्नल के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू किया है। हालांकि कंपनी ने किसी भी तरह के डेटा को नेटवर्क सिस्टम में सिंक नहीं किया है। इससे यूजर्स का डेटा अपने आप डिलीट हो जाता है।
इस तरह पहुंच रहा यूजर्स का डेटा
हालांकि गूगल ने इस काम को बंद करने के लिए कहा है लेकिन दूसरी ओर कुछ रिसर्चर्स का कहना है कि क्योंकि डेटा एनक्रिप्टेड है इसलिए स्पायवेयर प्रभावित होने पर डेटा थर्ड पार्टी को आसानी से सेंड किया जा सकता है। उन्होंने यहां तक भी कहा है कि गूगल के पास फिलहाल इस समस्या का कोई हल नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन को यूजर्स द्वारा फैक्ट्री रीसेट और लोकेशन डिसेबल करने के बावजूद भी डेटा शेयरिंग के इस काम को नहीं रोका जा सकता। इस तरह से मोबाइल डेटा और वाई-फाई दोनों के तहत लोकेशन डेटा गूगल के पास पहुंचता है। ऐसे में अब यूजर्स को जरा सावधान होने की जरूरत है।