क्या है मोबाइल वॉलेट
यह आपके स्मार्टफोन में मौजूद एक वर्चुअल वॉलेट जिसमें पैसे डिजिटल मनी के रूप में स्टोर किए जाते हैं। यानी कुलमिलाकर यह डिजिटल पर्स है जिसमें से पैसे का निकालकर आप पैसे का लेन-देन और पेमेंट कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप किसी कॉफी शॉप में जाते हैं। यदि यह कॉफी शॉप किसी मोबाइल वॉलेट सर्विस प्रोवाइड से जुड़ी हुई है तो आप कॉफी का पैसा अपने मोबाइल से चुका सकते हैं। आप एप, टेक्स्ट मैसेज, सोशल मीडिया या वेबसाइट से भी पैसा चुका सकते हैं।
यह आपके स्मार्टफोन में मौजूद एक वर्चुअल वॉलेट जिसमें पैसे डिजिटल मनी के रूप में स्टोर किए जाते हैं। यानी कुलमिलाकर यह डिजिटल पर्स है जिसमें से पैसे का निकालकर आप पैसे का लेन-देन और पेमेंट कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप किसी कॉफी शॉप में जाते हैं। यदि यह कॉफी शॉप किसी मोबाइल वॉलेट सर्विस प्रोवाइड से जुड़ी हुई है तो आप कॉफी का पैसा अपने मोबाइल से चुका सकते हैं। आप एप, टेक्स्ट मैसेज, सोशल मीडिया या वेबसाइट से भी पैसा चुका सकते हैं।
4 तरह के मोबाइल वॉलेट हैं एक्टिव
भारत में फिलहाल 4 तरह के मोबाइल वॉलेट एक्टिव है। इनमें ओपन, सेमी-ओपन, सेमी-क्लोज्ड और क्लोज्ड।
भारत में फिलहाल 4 तरह के मोबाइल वॉलेट एक्टिव है। इनमें ओपन, सेमी-ओपन, सेमी-क्लोज्ड और क्लोज्ड।
1. ओपन मोबाइल वॉलेट
यह आपको किसी सामान या किसी सर्विस के लिए पे करने की सुविधा देता है। इसके तहत आप बैंकिंग करने समेत पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। उदाहरण के लिए वोडाफोन का एम-पैसा ऎसा ही मोबाइल वॉलेट है।
यह आपको किसी सामान या किसी सर्विस के लिए पे करने की सुविधा देता है। इसके तहत आप बैंकिंग करने समेत पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। उदाहरण के लिए वोडाफोन का एम-पैसा ऎसा ही मोबाइल वॉलेट है।
2.सेमी-ओपन मोबाइल वॉलेट
इसके तहत आप उस व्यापारी अथवा दुकानदार के साथ ट्रांजेक्शन कर सकते हैं जिसका यह वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ कॉन्ट्रैक्ट है। इसमें आप कैश नहीं निकाल सकते और ना ही पैसे वापस ले सकते हैं। इस वॉलेट में आप पैसा लोड करेंगे, उतना ही खर्च कर सकते हैं। एयरटेल मनी इसका उदाहरण है।
इसके तहत आप उस व्यापारी अथवा दुकानदार के साथ ट्रांजेक्शन कर सकते हैं जिसका यह वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ कॉन्ट्रैक्ट है। इसमें आप कैश नहीं निकाल सकते और ना ही पैसे वापस ले सकते हैं। इस वॉलेट में आप पैसा लोड करेंगे, उतना ही खर्च कर सकते हैं। एयरटेल मनी इसका उदाहरण है।
3. क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट
यह काफी लोकप्रिय सर्विस है। इस वॉलेट में ऑर्डर के कैंसल या वापस होने पर व्यापारी अथवा दुकानदार के पास पेसा लॉक्ड रहता है।
4. सेमी क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट
पेटीएम इसका उदाहरण। इस वॉलेट के तहत आप ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं तथा कोई सर्विस भी ले सकते हैं, हालांकि इसमें आप कैश नहीं निकाल सकते।
पेटीएम इसका उदाहरण। इस वॉलेट के तहत आप ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं तथा कोई सर्विस भी ले सकते हैं, हालांकि इसमें आप कैश नहीं निकाल सकते।
मोबाइल वॉलेट के फायदे
आपका मनुअल वॉलेट यानी पर्स खो सकता है, चोरी हो सकता है, यहां तक की आपकी जेब भी काटी जा सकती है, लेकिन आपका मोबाइल वॉलेट न तो चोरी हो सकता है और न ही खो सकता है। आप मनुअल पर्स से पेमेंट करते हैं तो खुले पैसों की दिक्कत आ सकती है जैसे आपका बिल अगर 395.50 पैसा हुआ तो तो आपको खुले पैसों के लिए प्रोब्लम हो सकती है अथवा राउंड फिगर में पेमेंट करना पड़ सकता है। जिबकि मोबाइल वॉलेट में आपको खुले पैसों के भरटकने की जरूरत नहीं तथा पैसे भी उतने ही कटेंगे जितने का बिल हुआ यानी एक पैसा भी कम ज्यादा नहीं हो सकता।
आपका मनुअल वॉलेट यानी पर्स खो सकता है, चोरी हो सकता है, यहां तक की आपकी जेब भी काटी जा सकती है, लेकिन आपका मोबाइल वॉलेट न तो चोरी हो सकता है और न ही खो सकता है। आप मनुअल पर्स से पेमेंट करते हैं तो खुले पैसों की दिक्कत आ सकती है जैसे आपका बिल अगर 395.50 पैसा हुआ तो तो आपको खुले पैसों के लिए प्रोब्लम हो सकती है अथवा राउंड फिगर में पेमेंट करना पड़ सकता है। जिबकि मोबाइल वॉलेट में आपको खुले पैसों के भरटकने की जरूरत नहीं तथा पैसे भी उतने ही कटेंगे जितने का बिल हुआ यानी एक पैसा भी कम ज्यादा नहीं हो सकता।
मोबाइल वॉलेट के नुकसान
सबसे पहले तो यह उन लोगों के काम की चीज है जो टेक्नोफ्रेंडली हैं साथ इसके लिए अच्छी स्पीड वाले इंटरनेट कनेक्शन की भी जरूरत होती है। मोबाइल वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर से बहुत कम संख्या में व्यापारी और दुकानदार लिस्टेड हैं। मोबाइल वॉलेट में प्रतिदिन के हिसाब से पैसे डिपॉजिट करने और खर्च करने की सीमा होती है।
सबसे पहले तो यह उन लोगों के काम की चीज है जो टेक्नोफ्रेंडली हैं साथ इसके लिए अच्छी स्पीड वाले इंटरनेट कनेक्शन की भी जरूरत होती है। मोबाइल वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर से बहुत कम संख्या में व्यापारी और दुकानदार लिस्टेड हैं। मोबाइल वॉलेट में प्रतिदिन के हिसाब से पैसे डिपॉजिट करने और खर्च करने की सीमा होती है।