वेबसाइट पर दें जानकारी इतना ही नहीं कोई भी स्कूल चोरी-छिपे या किसी अन्य फंड के माध्यम से कोई फीस अतिरिक्त नहीं ले सकता। स्कूलों को फीस की पूरी जानकारी जैसे ट्यूशन फीस और अन्य खर्च सभी जानकारी स्कूल की वेबसाइट और डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित करनी होगी। प्रशासन ने कहा कि यह आदेश लागू करने के बाद 15 जून तक प्रशासन को इसकी वापस जानकारी भी देनी होगी। गौरतलब है कि यूटी प्रशासन ने बहुत से ऐसे स्कूलों को लीज पर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के नाम पर जमीन कम रेट पर आवंटित कर रखी है। सभी बातों को देखते हुए यह आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों के लिए नेशनल कैपिटल दिल्ली के आदेशों को भी ध्यान में रखा गया है। साथ ही पंजाब-हरियाणा के लिए फैसलों को भी देखते हुए यह आदेश जारी हुए हैं।
ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं कराई प्रशासन ने यह भी खुलासा किया है कि उन्होंने प्राइवेट स्कूलों से उनके खर्चे और फंड संबंधी सभी मामलों की ऑडिट रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अधिकतर स्कूलों ने यह रिपोर्ट जमा नहीं करवाई। जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। अब प्रशासन ने यह नियम सख्ती से लागू करने के आदेश और उन्हें देखने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी है।