Hapur: कोरोना से बचने के लिए वकील ने पेड़ पर बनाया आशियाना
23 दिन तक चला इलाज
सीएमएस डॉ ज्योत्स्ना पन्त ने बताया कि 23 दिन तक युवती का इलाज अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने किया हमारे यहां ये कोरोना संक्रमित का पहला केस था। जिसमें हम लोगों ने सामूहिक रूप से सफलता पायी है।उन्होंने बताया कि खुद युवती ने भी अस्पताल स्टाफ को काफी सपोर्ट किया। जिस कारण उसकी हालत में तेजी से सुधार हुआ। ये हमारे लिए काफी गौरव की बात है उन्होंने पूरे स्टाफ की मेहनत को सराहा। उन्होंने बताया कि कोरोंना के प्रोटोकॉल के मुताबिक ही हमारे डॉक्टर ने दवाईयां दी, इसके अलावा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाइयों के साथ ही दूध, दो केले और दो संतरे भी दिए जाते रहे। आगे भी उन्हें दवा और खानपान के बारे में सबकुछ बताया गया है।
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हो गयीं भावुक
वहीँ जब अस्पताल स्टाफ मारिषा शुक्ल को भेजने आया तो वो भी काफी भावुक हों गयीं और सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि कैसे ये दिन कट गए पता ही नहीं चला। एक परिवार की तरह ही ट्रीटमेंट चला।
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फ़्रांस से आयीं थीं
यहां बता दें कि मारिषा शुक्ल कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान की भतीजी हैं और फ्रांस से 13 मार्च को लौटीं थीं। उन्हें 18 को कोरोना के लक्षण के चलते जिला अस्पताल लाया गया। जहां रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बाद उनका इलाज चला और वे आस ठीक होकर लौट गयीं। सीएमओ डॉ एम.सी. गर्ग के मुताबिक फ़िलहाल जनपद में अब कोई कोरोना संक्रमित की पुष्टि नहीं है। एक दर्जन से अधिक आशंकित की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।