आजम खान ने आगे कहा, इस वक़्त पूरी दुनिया का दवाब है क्योंकि ताजमहल दुनिया का सातवां अजूबा है, सिर्फ इसी दवाब की वजह से ताजमहल बचा हुआ है। अब ताजमहल का डाइमाइट लगाकर उड़ाना तय है, क्योंकि पीएमओ की किताब में लिखा हुआ कुछ ओर है जो भारत की फारसिस्ट ताकतों ने अमल किया है। आर एसएस ने भी किया। उन्होंने अपनी किताब में जिक्र किया है कि वहां एक शिवजी का मंदिर था। आजम बोले, अगर बाबरी मस्जिद को मंदिर के नाम पर उड़ाया जा सकता है तो फिर संसद भवन, राष्टपति आवास इनको भी गिरना चाहिए, इन्हें बचाना नहीं चाहिए, क्योंकि मेरा ऐसा मानना है कि इसमें से भी गुलामी की बु आती है। देश के पीएम मोदी ओर सीएम योगी ये लोग कहते हैं बाद में फिर उसकी ही निंदा करते हैं। चाहे वो गो हत्या का मामला हो, या फिर गंगा सफाई या फिर फिर अयोध्या के मामला हो।
आजम खान ने ये भी बोला कि मुगलों का ही नहीं, अंग्रेजों के द्वारा बनाई गई इमारतें भी गिरनी चाहिए। जब सरकार ने देश मे कई भवनों सड़कों के नाम बदल दिए तो फिर इसे क्यों न गिरा दिया जाए। हमे अपनी सभ्यता ओर संस्कृति की नई संसद भवन बनानी चाहिए। आजम खान ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि अगर यह उनकी हिफाजत करना चाहते हैं तो उसके लिए संसद भवन में एक कानून बने फिर उसका फॉलो हो।
आपको बतादें कि ताजमहल का विवाद भारतीय जनता पार्टी के सरधना विधायक
संगीत सोम के ताजमहल को ‘गद्दारों’ ने बनवाया है, इस बयान के बाद हुआ है। संगीत सोम के बयान प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि क्या पीएम मोदी लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराना बंद करेंगे। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि जिसने संविधान की शपथ ली है, वह अहंकार और अज्ञानता से बात कर रहा है। इस विवाद पर
ममता बनर्जी , सुब्रमण्यम स्वामी ने भी पलटवार किया है।