आजम खान ने लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री Yogi Adityanath का नाम लिए बगैर कहा कि आप निकाय जैसे कमजोर चुनाव को भी अयोध्या से शुरू करेंगे इसका मतलब ये हुआ के आप इस चुनाव में भी बहुत घबराए हुए हैं और बहुत परेशान हैं। राम का इस्तेमाल चुनाव के निशान के तौर पर इस्तेमाल किया जाना योगी जी बहुत महंगा पड़ेगा। मैं हमेशा कहता हूं नफरत के नारे से हुकूमत पाई तो जा सकती है, लेकिन इस एजेंडे से बहुत दिन तक चलाया नहीं जा सकता है।
फिल्म Padmavati पर हो रहे घमासान पर भी जमकर बोले उन्होंने कहा कि एक फिल्म की बहुत मुखालफत हो रही है। टेलीविजन पर शबाना आजमी और उनके मियां ने जो कहा हम तो चालीस साल से कह रहे हैं। हिंदुस्तान के तमाम नवाब, तमाम राजा अंग्रेजों के दलाल थे। ये बात जम्हूरियत आने के बाद समझ आई। अग्रेज गए तो राजाओं की राजाई चली गई, नवाबों की नवाबी चली गई। आज वे लोग एक फिल्म की मुखालफत कर रहे हैं, जो कल तक अंग्रेजों के बस्ते उठाया करते थे। मशहूर फिल्म मुग़ले आज़म (Mughal E Azam) में अनारकली को सलीम की महबूबा बताया गया, लेकिन ऐसी कोई कहानी नहीं है। सुना है अनारकली नाम की कोई तवायफ लाहौर में रहा करती थी। वहीं फिल्म में बाप से बेटे का मुकाबला हुआ, लेकिन तारीख से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए किसी मुसलमान ने कोई एतराज नहीं किया, क्योंकि ये कहानी थी।