कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में इमरजेंसी लगाने के फैसले को गलत बताया है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में इमरजेंसी लगाने के फैसले को गलत बताया है।
साथ ही कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने प्रतिष्ठित उपन्यासकार सलमान रुश्दी की किताब “सेटेनिक वर्सेज” पर प्रतिबंध लगाने को भी गलत बताया है।
आप को बता दें कि रुश्दी की इस किताब पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्रतिबंध लगा दिया था। पी चिदंबरम ने एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान असहिष्णुता के मुद्दे पर बोल रहे थे।
चिदंबरम, राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री (1986-89) थे। अक्टूबर 1988 में “सेटेनिक वर्सेज” पर प्रतिबंध लगाया गया था।
चिदंबरम का यह बयान कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है। जाहिर है, ऐसे वक्त जब मोदी सरकार पर असहिष्णुता को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए विरोधी दल राजग सरकार पर लगातार हमलावर हैं, इस स्थिति में चिदंबरम का यह बयान कांग्रेस को बैकफुट पर ला सकता है।
आपातकाल संबंधी सवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “इंदिरा गांधी ने 1980 में खुद यह स्वीकार किया था कि इमरजेंसी लगाकर उन्होंने गलत की है, अब अगर वह फिर से सत्ता में आईं तो आपातकाल कभी नहीं लगाएंगी। जनता ने उन पर विश्वास किया और इस प्रकार सत्ता में उनकी फिर वापसी हुई।”
रुश्दी के उपन्यास पर प्रतिबंध के फैसले के बारे में चिदंबरम का कहना था, “मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि सलमान रुश्दी की किताब पर प्रतिबंध एक गलती थी। यदि आप 20 साल पहले मुझसे सवाल पूछते तो भी मेरा जवाब यही होता।”
असहिष्णुता के मुद्दे पर वह बोले, “मेरे लिए यह गंभीर चिंता का विषय है। हमने पहले भी असहिष्णुता देखी है। हाल के दिनों में असहिष्णुता बढ़ी है। हालांकि हमने हमेशा इसे नाकाम किया है।”