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लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दिया महागठबंधन को करारा झटका, रिकॉर्ड वोटों से जीती ये सीट

locationमुरादाबादPublished: Sep 16, 2018 09:02:28 am

Submitted by:

jai prakash

भाजपा उम्मीदवार ने भाजपा की बागी उम्मीदवार जिन्हें महागठबंधन नेताओं का समर्थन हासिल था उसे 55 वोटों से हराया।

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लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दिया महागठबंधन को करारा झटका, रिकॉर्ड वोटों से जीती ये सीट

मुरादाबाद: मुरादाबाद सदर ब्लाक में करीब डेढ़ दशक तक सपा के कब्जे को हटाते हुए इस बार सत्तारूढ़ भाजपा ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर सपा को करार झटका दिया है। जी हां शनिवार को हुए ब्लाक प्रमुख पद के लिए मतदान में भाजपा उम्मीदवार ने भाजपा की बागी उम्मीदवार जिन्हें महागठबंधन नेताओं का समर्थन हासिल था उसे 55 वोटों से हराया। मनीष को 60 में से 56 वोट मिले जबकि तीन वोट निरस्त हो गए। जीत के बाद ब्लाक प्रमुख मनीष चौहान ने कहा कि सदस्यों के साथ ही उन्हें क्षेत्र की जनता का भी समर्थन प्राप्त था। इसलिए इतनी बड़ी जीत मिल गयी।

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डेढ़ दशक तक रहा सपा का कब्ज़ा

मुरादाबाद सदर ब्लाक पर पिछले डेढ़ दशक से सपा का कब्जा रहा है। जिसमें इससे पहले राजेश यादव,शबाना सैफी,इसरार सैफी सपा से ब्लाक प्रमुख रहे थे। उसके बाद राजपाल सिंह व उनकी पत्नी ब्लाक प्रमुख रहीं। इस लिहाज से भाजपा के लिए ये बड़ी जीत है। इस जीत के साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा का छह ब्लाकों पर कब्जा हो गया है। जबकि ये सभी सीटें भाजपा सरकार से पहले सपा के पास थीं।

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शनिवार को हुआ फैसला

शनिवार को ब्लाक परिसर में कड़ी सुरक्षा में मतदान हुआ था। शाम को ही रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया। डीएम राकेश कुमार सिंह को जीत का प्रमाण पत्र भी सौंप दिया। उधर हारने वाली उम्मीदवार ने हार पर कहा कि दो लोगों के चुनाव में एक को हारना ही पड़ता है। यही नहीं उन्होंने चुनाव में किसी भी गड़बड़ी का आरोप नहीं लगाया।

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पहले इतने थे सदस्य

यहां बता दें कि 2015 में हुए पंचायत चुनाव में 84 बीडीसी सदस्य चुने गए थे। लेकिन अगवानपुर और पाकबड़ा कस्बे को नगर पंचायत में बदल दिया गया। जिस कारण 15 सदस्य कम हो गए। इससे पहले ब्लाक चेयरमैन प्रीति यादव ने जब इस्तीफा दिया था तो 68 सदस्यों को मतदान में हिस्सा लेना था।लेकिन 60 वोट ही डाले गए। इसमें 56 मनीष और एक सुमन व तीन वोट निरस्त हो गए।

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विपक्षी नेताओं ने लगाया आरोप

वहीँ उधर पूर्व ब्लाक प्रमुख राजपाल सिंह और इसरार सैफी ने इसे सत्ता की दबंगई बताया। राजपाल ने कहा कि उन्हें पर्चा नहीं दाखिल करने दिया गया उनका नामांकन के दिन परचा फाड़ कर फेंक दिया गया। इसका जबाब जनता देगी।

 

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