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गौरतलब है मुरादाबाद सीट से कांग्रेस ने युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, सपा-बसपा और रालोद गठबंधन ने एसटी हसन को मैदान में उतारा है। मुरादाबाद से कांग्रेस और गठबंधन दोनों के ही प्रत्याशी मुस्लिम हैं। ऐसे में मुस्लिमों के वोट बंटने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन, सूत्र बताते हैं कि मुरादाबाद के मुस्लिम मतदाताओं ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि इस बार किस के पक्ष में वोट करना है। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक यह मुरादाबाद के मुस्लिम वोटर इस बार अपना वोट बंटने देने के मूड में बिल्कुल नहीं है। लिहाजा माना जा रहा है कि इस बार मुस्लिम समुदाय जहां भी वोट देंगे, वहां एकमुश्त वोट देने पर विचार कर रहे हैं, ताकि उनका समर्थन निर्णायक साबित हो।
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दरअसल, मुरादाबाद लोकसभा सीट में मुस्लिम वोट काफी प्रभावशाली है। इस लोकसभा की कुल जनसंख्या का 47 प्रतिशत हिस्सा मुस्लिम समुदाय की है। अगर उनका वोट नहीं बंटा तो वे निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। यही वजह है कि मुस्लिम वोटबैंक के एक हो जाने के चलते भाजपा की उम्मीद धूमिल दिखाई दे रही है। इसके अलावा मुरादाबाद में जाटव 9 प्रतिशत के करीब हैं और पारंपरिक तौर पर उन्हें बसपा के वोटर माना जाता है। वहीं, बात करें भाजपा प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह की तो उनकी इलाके के प्रभावशाली नेताओं में नाम आता है। वे पूर्व में मुरादाबाद लोकसभा के अन्तर्गत आने वाली ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा 2014 में मुरादाबाद से सांसद बने। इसके अलावा उनका बेटा भी बरहापुर से विधायक है।