ये है पारिवारिक इतिहास
कुंवर सर्वेश सिंह की बात करें तो मूलरूप से ठाकुरद्वारा के रत्तुपुरा निवासी सर्वेश सिंह राजघराने से ताल्लुक रखते हैं और इनकी पुस्तैनी जमींदारी थी। देश आज़ाद होने के बाद इनके पूर्वज राजनीति में आ गए। ठाकुरद्वारा से लेकर बिजनौर के अफजलगढ़ तक इनकी पकड़ है। इस क्षेत्र के लोग आज भी इन्हें अपना राजा ही मानते हैं।
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महज इतना पढ़े
सर्वेश सिंह ने महज यूपी बोर्ड से ग्यारहवीं तक की ही पढ़ाई की है उसके बाद हरिद्वार में आयुर्वैदिक कॉलेज में एडमिशन भी लिया लेकिन वहां भी शिक्षा पूरी नहीं की। सर्वेश सिंह के घोषणा पत्र के मुताबिक 2009 के मुकाबले 2014 में इनकी सम्पत्ति तीन गुना हो गयी जो तीन करोड़ से बढ़कर 9 करोड़ हो गयी। इसके अलावा फोर्चुनेर सहित तीन गाडियां हैं, इसके अलावा इन पर कोई देनदारी नहीं है। वहीँ न ही कोई इनके नाम से लाइसेंसी हथियार भी नहीं है।
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कई मामले हैं दर्ज
जहां तक क्रिमिनल रिकॉर्ड की बात करें तो इनपर धोखाधड़ी समेत कई संगीन मामले भी दर्ज हैं। जिनकी संख्या एक दर्जन से ज्यादा हैं। इलाके में इनकी छवि दबंग नेताओं में है। महज 2007 में बसपा के विजय यादव से ही सर्वेश सिंह विधान सभा चुनाव हारे थे उसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अज़हरुद्दीन ने भी हराया था। फिर 2014 म सपा के डॉ एस टी हसन को हराकर लोकसभा में पहुंचे थे।