देखें वीडियो
https://youtu.be/_OQbJ3ImgFQ अतीक सैफी ने रविवार को प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि पार्टी का अब कोई जनाधार नहीं बचा है। ह हार हो रही है। निष्ठावान कार्यकर्ता बाहर निकाले जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा को लेकर कहा कि उसे निकाय चुनाव में कोई ख़ास सफलता नहीं मिली है। जितने प्रतिशत वोट पिछले चुनाव में मिले थे उतने ही अब मिले हैं।
https://youtu.be/_OQbJ3ImgFQ अतीक सैफी ने रविवार को प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि पार्टी का अब कोई जनाधार नहीं बचा है। ह हार हो रही है। निष्ठावान कार्यकर्ता बाहर निकाले जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा को लेकर कहा कि उसे निकाय चुनाव में कोई ख़ास सफलता नहीं मिली है। जितने प्रतिशत वोट पिछले चुनाव में मिले थे उतने ही अब मिले हैं।
वहीं स्थानीय नेताओं की माने तो नसीमुद्दीन बसपा के मुस्लिम चेहरों को एक-एक करके तोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में ही अतीक सैफी ने भी इस्तीफा दिया है। यहां बता दें कि विकमजोर नीतियों व संगठन की वजह से पार्टी की हार हुई है। उन्होंने इस इस्तीफे के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया। वहीं उनके साथ मौजूद बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बसपा अपना जनाधार खो चुकी है। इसलिए उसकी हर जगधान सभा चुनाव 2017 के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी फंड के पैसों में गड़बड़ी के आरोप में बाहर कर दिया था। तब पलटवार करते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने भी बसपा सुप्रीमो मायावती पर कई तरह के आरोप लगाये थे और पैसों की बातचीत का वीडियो भी जारी किया था।
उन्होंने अपना सियासी संगठन भी बनाया था, जिसके विस्तार के ही सिलसिले में वह आजकल जगह-जगह दौरे कर रहे हैं। सिद्दीकी ने कहा कि वेस्ट यूपी के कई मुस्लिम नेता उनके टच में हैं। जानकारों के मुताबिक जनपद में बसपा के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि निकाय चुनाव से पहले बसपा से दो बार चुनाव लड़ चुके मीट कारोबारी नासिर कुरैशी भी इस्तीफा देकर सपा में शामिल हो गए थे और अब अतीक का जाना बसपा के लिए शुभ संकेत नहीं है।