यह पूरा मामला जानकारी के मुताबिक 2 दिन पहले कोतवाली टांडा के गांव सोनकपुर में रहने वाली युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतिका के चाचा का आरोप है कि परिवार वालों ने रिश्तेदारों को बताए बिना ही चारपाई पर शव को रखकर श्मशान ले गए और जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया। जिसके बाद मैंने इसकी जानकारी डायल 100 को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जलती हुई चिता को पानी से बुझा दिया। मैंने लिखित रूप में कार्रवाई और जांच के लिए पत्र दिया है। वहीं मृतिका के चाचा ने आरोप लगाते हुए कहा कि अफसरों ने परिजनों के लोगों से सेटिंग बाजी करके उसे फिर से जला दिया। मुझे आशंका है कि उसे पहले पीटा गया और फिर जहर दिया गया है। मुझे यह भी आशंका है कि वह किसी से अपनी मर्जी से शादी करना चाहती थी। मेरे भाई और भतीजे ने इसके चलते ही उसकी हत्या की होगी।
वहीं इस पूरे मामले पर सीओ राहुल टांडा का कहना है कि डायल 100 की सूचना पर जाकर पुलिस ने जब जांच पड़ताल कि तो मामला परिवार के आपसी रंजिश का आया है। जिसमें पंचनामा भरकर चिता को दोबारा जलवा दिया गया। मृतिका के पिता और आरोप लगाने वाले चाचा का पुराना विवाद है।
मृतिका की छोटी बहन ने कहा है कि मेरी बहन कई दिनों से बीमार थी। बुखार और डायरिया की शिकायत को लेकर स्थानीय डॉक्टरों से उसका इलाज चल रहा था। बेहतर इलाज के लिए उसे लेकर जा रहे थे कि रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। हमारे चाचा पिताजी से रंजिश रखते हैं और उसी रंजिश को लेकर ऐसी घटिया हरकत कर रहे हैं।