ऐसे होता है आयोजन
यहां बता दें कि ईद मिलादुल नबी के मौके पर मुस्लिम धर्म के अनुयाई इसे जश्न के रूप में मनाते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में मस्जिदों को सजाने के साथ जलसे और जुलूस का आयोजन किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय में जुलूस में डीजे का प्रचलन बढ़ गया था,जिससे कई बार हादसे व् साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति भी बन चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए जुलूस ए मोहम्मदी में इस तरह के निर्देश मुस्लिम समाज को मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दिए हैं।
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ये काम न करें
इसमें प्रमुख रूप से डीजे के बिलकुल मनाही की गयी है। साउंड सिस्टम धीमा रहे,जुलूस में बड़ी गाडियाँ न चलें, जुलूस के दौरान कोई बीड़ी सिगरेट न पिए,गाड़ी की छत से लंगर न बांटे। जुलूस में आगे चलें और किसी को भी तकलीफ न होने दें ताकि लोगों को लगे कि इस्लाम कितना पाकीजा धर्म है।