scriptयूपी के इन जिलों में आ सकता है 8.5 तीव्रता का भूकम्प | Earthquake possible in delhi and ncr area | Patrika News

यूपी के इन जिलों में आ सकता है 8.5 तीव्रता का भूकम्प

locationमुरादाबादPublished: Dec 20, 2018 10:46:24 am

Submitted by:

jai prakash

दिल्ली और उसके आस पास के इलाकों 8.5 तीव्रता से भूकंप आने की बात वैज्ञानिकों द्वारा कही गयी है।

moradabad

यूपी के इन जिलों में आ सकता है 8.5 तीव्रता का भूकम्प

मुरादाबाद: दुनिया भर में भूकंप की सटीक भविष्यवाणी भले ही न अभी संभव हो लेकर वैज्ञानिक लगातार भूकम्प की सम्भावना वाले इलाकों को लेकर अलर्ट जारी करते हैं। कुछ इसी तरह की सम्भावना अब हिमालय के क्षेत्र में व्यक्त की गयी है। जिसमें दिल्ली और उसके आस पास के इलाकों 8.5 तीव्रता से भूकंप आने की बात वैज्ञानिकों द्वारा कही गयी है। एनबीटी ऑनलाइन की खबर के मुताबिक भूकम्प को लेकर ये स्टडी बेंगलुरु स्थित जवाहर लाल नेहरु सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च के के वैज्ञानिकों ने की है।

बड़ी खबर : चंद्रशेखर के रिश्तेदार पर लगा भीम आर्मी टू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी देने का आरोप

इन्होने की स्टडी

बेंगलुरु स्थित जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर ऐडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सिस्मोलॉजिस्ट और अध्ययन का नेतृत्व करने वाले सी.पी.राजेंद्रन ने कहा कि 1315 और 1440 के बीच आए भयानक भूकंप के बाद मध्य हिमालय का क्षेत्र भूकंप के लिए लिहाज से शांत रहा है। लेकिन भूगर्भिक क्षेत्र में काफी खिंचाव/तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।

शाहरूख खान ने ‘जीरो’ से जुड़ी बतार्इ कुछ एेसी बातें, फिल्म देखने के लिए आप हो जाएंगे मजबूर


ये इलाके संवेदनशील
रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि दिल्ली के लिए यह खतरे वाली बात है क्योंकि भूकंप के लिहाज से यह काफी संवेदनशील है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस तीव्रता का भूकंप आया तो शहर की करीब 20 प्रतिशत बिल्डिंग ही बच पाएंगी। भूकंप के लिहाज से शहर इसलिए संवेदनशील है क्योंकि यह तीन फॉल्ट लाइनों- पर बसा हुआ है। ये फॉल्ट लाइन सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद हैं। सबसे ज्यादा संवेदनशील गुड़गांव है जिसके आसपास सात फॉल्ट लाइन मौजूद है।

बेटी का रिश्ता तो तय कर दिया,लेकिन विदा नहीं कर पाया,उससे पहले ही जेई की हो गयी मौत


इन जिलों में न के बराबर इंतजाम

दिल्ली और मुरादाबाद लाइन में गाजियाबाद, हापुड़,अमरोहा भी शामिल हैं,इन जिलों में अगर भूकम्प की तीव्रता यही रहती है तो बड़ा नुकसान इसलिए हो सकता है। क्यूंकि यहां भूकम्प रोधी इमारतें न के बराबर हैं और न ही ऐसी स्थिति से निपटने की क्षमता।

इस जिले में बिना रजिस्ट्री अपने घरों में रह रहे हैं 50 हजार लोगों को मिली बड़ी राहत


कुछ इमारतें सुधारी गयीं
यहां बता दें कि 2008 में दिल्ली में कुछ पुरानी इमारतों को दुरुस्त करने का काम किया गया और 2015 में नेपाल में आए भूकंप के बाद दिल्ली सचिवालय, दिल्ली पुलिस और पीडब्ल्यूडी मुख्यालयों, लडलॉ कैसल स्कूल, विकास भवन, गुरु तेग बहादुर अस्पताल और डिविजनल कमिशनल के दफ्तर को मजबूत किया गया।

Patrika Impact: पुलिस अधिकारी आए हरकत में, फैंटम को दिया टास्क, देखें वीडियो


ये इलाके खतरे में
केंद्रीय भू विज्ञान मंत्रालय के एक पुराने अध्ययन में यमुना की बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्र में उन स्थानों को चिह्नित किया है जहां भूकंप का खतरा सबसे अधिक है। जिनमें पूर्वी दिल्ली के घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके शामिल हैं। अन्य खतरे वाले इलाकों में लुटियंस की दिल्ली, सरिता विहार, पश्चिम विहार, वजीराबाद, करोल बाग और जनकपुरी है।

खेत में जा रही थी किशोरी हुआ ऐसा कि गांव में मच गया हड़कंप, फैल गया तनाव, पुलिस तैनात

ये झेल सकते हैं झटके

सुरक्षित स्थानों में जेएनयू, एम्स, छतरपुर, नारायणा और वसंत कुंज है जो संभवतः भूकंप झेल सकते हैं।

यूपी: तमंचे के बल पर युवती से रेप,कार्यवाही के बजाय पुलिस बोली मामला झूठा

बचाव ही उपाय

बहरहाल ऐसे भूकम्प की स्थिति कब बनेगी इसकी सटीक जानकारी वैग्यनिकों के पास नहीं है। लेकिन जो रिपोर्ट आई है उसने सरकारों के कान खड़े कर दिए हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकम्प को रोका नहीं जा सकता है लेकिन नुकसान से बचने के इंतजाम समय रहते कर लिए जायें तो बेहतर होगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो