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इसलिए छेड़ रखा आन्दोलन
यहां बता दें कि किसानों का गन्ना बकाया और खाद बीज समेत किसानों का कर्ज व अन्य मांगों को लेकर एक से दस जून तक किसानों ने सरकार का विरोध जताने के लिए आन्दोलन छेड़ रखा है। जिसमें वे गांव से सब्जी और दूध शहर में नहीं आने दे रहे। इसके अलाव विरोध स्वरुप उन्हें सड़कों पर भी फेंक रहे हैं। जिसका असर अब शहर में सब्जी की आवक पर भी देखने को मिल रहा है।
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लागत का नहीं मिल रहा मूल्य
किसान नेता चौधरी महक सिंह ने कहा कि अन्नदाता सड़कों पर उतरने को मजबूर है। इस सरकार ने किसानों को पचास फीसदी फसल का मुनाफा देने का वादा किया था। मुनाफा तो दूर किसानों को उसकी फसल का लागत का मूल्य भी नहीं मिल रहा। गन्ना किसानों का मुरादाबाद मंडल में ही करोड़ों रूपया फंसा है। हर बार शासन प्रशासन सिर्फ आशवासन देकर किसानों को टाल देता है। लेकिन इस बार किसान अपनी ताकत का एहसास सरकार को कराकर रहेगा।
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तेज होगा आन्दोलन
किसानों का आन्दोलन पहले से जनपद व आसपास की तहसीलों में लगातार चल रहा है। जिसमें शहरों में दूध व सब्जी की सप्लाई रोकी जा रही है। आज इसे मुख्यालयों पर प्रदर्शन का ऐलान था। जिसमें कमिश्नर कार्यालय पर टमाटर फेंके गए। किसानों ने कहा कि अगर जल्द मांगे नहीं पूरी हुईं तो देश व्यापी आन्दोलन और तेज होगा।