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एक लड़की लौट आई थी
बिसौली उदावला गांव के रहने वाले इकरार अहमद खेतीबाड़ी के कार्य में जुटे हैं। उनकी 14 वर्षीय बेटी व सातवीं की छात्रा तहज्जुब मंगलवार की दोपहर के वक्त पिता के लिए खाना लेकर घर से रवाना हुई। ग्रामीणों के मुताबिक तहज्जुब के साथ गांव की तीन अन्य लड़कियां भी थीं। इसमें छह वर्षीय महरीन पुत्री इस्तयाक व सगी बहनें आठ वर्षीय सहनवी व उसकी छोटी बहन सात वर्षीय जिकरा पुत्री नबी हसन, छह वर्षीय महजबी भी उनके साथ थीं। कुछ देर बाद महजबी घर लौट आई, लेकिन अन्य चारों लड़कियां देर शाम तक नहीं आईं। इकरार ने जब सुना कि तहज्जुब व गांव की तीन अन्य लड़कियां अब तक नहीं लौटी हैं तो वे दंग रह गए। इकरार ने लड़कियों के खेत जाने से अनभिज्ञता जताई। घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी गई।
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ऐसे मिला सुराग
एसपी देहात उदय शंकर सिंह ने बताया कि छानबीन में पता चला कि जालपुर रेलवे हाल्ट पर दोपहर करीब दो बजे चारों लड़कियां देखी गईं हैं। बुधवार को परिजनों ने ही भगतपुर पुलिस को बताया कि जनसेवा एक्सप्रेस में सवार एक व्यक्ति का फोन आया था। उसने बताया कि लड़कियां उसके साथ ट्रेन में हैं और बिहार के बेगूसराय जिले की ओर जा रही हैं। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस सक्रिय हो गई। बेगूसराय पुलिस से संपर्क साधा गया। बेगूसराय जीआरपी ने तब्बसुम के अलावा छह साल की महरीन पुत्री इश्तयाक, नबी हसन की आठ साल की बेटी सहनबी, उसकी छोटी बहन सात साल की जिकरा को बछवारा रेलवे स्टेशन पर उतार लिया। लड़कियों को लेने के लिए अब भगतपुर थाने की टीम बेगूसराय के लिए रवाना हो गई है।
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इसलिए घर छोड़ा पुलिस के मुताबिक चारों लड़कियां सकुशल आज शमा तक परिवार के हवाले कर दी जाएंगी। वहीँ जानकारी में आया है कि तब्बसुम की अपने माता-पिटा से किसी बात को लेकर अनबन हो गयी थी। जिससे नाराज होकर उसने घर छोड़ने का फैसला लिया और अपने साथ अपनी तीन अन्य बहनों को भी ले गयी। वो तो पुलिस की सक्रियता अधिक दिखी इस मामले में अगर किसी गलत सिंडिकेट के हाथ लग जातीं तो शायद परिजनों को सिवाय पछतावे के कुछ हाथ नहीं आता।