Lockdawn: घर वापस लौट रहे लोगों की मदद के लिए तैयार किए शेल्टर होम, 1 हजार रुपये भी देने किए शुरू
21 दिन का है लॉकडाउन
कोरोना वायरस के संकट के बीच संक्रमण रोकने के लिए पीएम मोदी ने मंगलवार को देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया है। लोगों से घर रहने की अपील भी की गई है। लेकिन लोगों के बीच कोरोना वायरस का खौफ कम होता नजर नहीं आ रहा है। घर जाने की जल्दी के चलते अलग-अलग राज्यों जैसे दिल्ली,उत्तराखंड में प्रवास मजदूर अपने घरों की और पैदल जाते नजर आए। वहीं दिल्ली व उत्तराखंड में काम कर रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश के मजदूरों ने वापस लौटने का फैसला किया। मजदूरों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते काम पूरी तरह से ठप हो गया है। जिसके कारण उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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मजदूर हो गए मायूस
पहले हालात देखकर मुख्यमंत्री ने अविलंब इनके घर वापसी के लिए जिला प्रशासन को आदेशित किया था, जिसके बाद परिवहन विभाग हरकत में आया और आनन फानन में बसों की व्यवस्था कराई गई। लेकिन देर शाम शासन स्तर से आदेश आया कि पैदल जो भी मजदूर निकल रहे है,वो जहां भी है वहीँ रुके, प्रशासन स्तर पर उनके रुकने खाने/पीने की व्यवस्था करने के आदेश भी दिए गए। जिसके बाद एक बार फिर से रोडवेज बसे जो ऐसे मजदूरों को उनके गृह जनपद पहुंचा रही थी वो थम सी गई। रोडवेज के पहिये को थामने का आदेश मिलते ही मजदूरों के चेहरे पर मायूसी छा गयी।
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बसों को रोक दिया गया है
एआरएम श्री नायक ने बात करते हुए बताया कि परिवहन विभाग अपनी ड्यूटी के प्रति गंभीर है। बसों को सेनाटाईज़ करने के बाद मजदूरों को लेकर बसे रवाना कराई जा रही थी। लेकिन अब मिले आदेशों के मुताबिक बसों को रोक दिया गया है। अगला जो भी आदेश होगा उसके अनुसार काम किया जाएगा।