एनजीटी ने लगाईं फटकार
पिछले कुछ समय से एनजीटी के निशाने पर आए मुरादाबाद प्रशासन को इलेक्ट्रॉनिक कचरा माफियाओं के कारनामो के चलते शर्मसार होना पड़ रहा है। लेकिन इसके बाद भी विदेशों से लाये गए इलेक्ट्रॉनिक कचरे के शहर के विभिन्न हिस्सों में जलाने का काम लगातार जारी है। इलेक्ट्रॉनिक कचरे को जलाकर इससे कीमती धातुओं को निकालने के इस कारोबार में माफियाराज कायम है। कुछ साल पहले शुरू हुए इस कारोबार के चलते दिल्ली से हर रोज ट्रकों में भरकर कचरे को मुरादाबाद लाया जाने लगा और इसके बाद शहर के अलग-अलग हिस्सों में इस कचरे को जलाकर इससे धातुओं को निकालने का काम किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक कचरा जलाने से निकलने वाली जहरीली गैसों के चलते कई किलोमीटर दूर तक लोगों का सांस लेना मुश्किल होने लगता है और इससे निकलने वाले धुंए से लगातार वातावरण दूषित हो रहा है।
ये IPS ऑफिसर खुद साफ करते हैं अपना ऑफिस, दूसरे अधिकारियों को दे रहे सीख
इन इलाकों में सबसे ज्यादा कारोबार
शुरुआत में मुरादाबाद के करूला, जयंतीपुर, नागफनी, लालबाग, रामगंगा नदी किनारे इस कचरे को जलाया जाता रहा है। प्रशासन की सख्ती के बाद शहर के कुछ हिस्सों में यह काला कारोबार सिमटा है लेकिन अभी भी चोरी छिपे कई मोहल्लों में कचरा रात के वक्त जलाया जाता है। शहर के अलावा मुरादाबाद जनपद के देहात क्षेत्रो में अब कचरा माफिया धड़ल्ले से कचरा जला रहे है। वर्तमान में भोजपुर क्षेत्र कचरा जलाने वालो के लिए पहली पसंद है और हर रोज यहां बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रानिक कचरा जलाया जाता है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कुछ ऐसा तो जाना पड़ सकता है जेल
पुलिस-प्रशासन मौन
शुरू में पुलिस और प्रशासन के स्थानीय अधिकारी जहरीले कचरे के कारोबार को रोकने के बजाय आंखे मूंदे रहे लेकिन अब एनजीटी के आदेशों के बाद प्रशासन की नींद टूटी है। वर्तमान में इलेक्ट्रानिक कचरे के कारोबार को धारा- 144 के तहत प्रतिबन्धित किया गया है साथ ही प्रदूषण नियंत्रण, सैल टेक्स, पुलिस की सयुंक्त टीमों का गठन कर कार्रवाई करने का आदेश है। पिछले एक साल में लगभग साढ़े चार सौ कचरा जलाने वाले लोगो के खिलाफ कार्रवाई की गई है जबकि हजारों कुंतल इलेक्ट्रानिक कचरा बरामद किया गया है। प्रशासन की कार्रवाई की जद में कई सफेदपोश भी समय- समय पर आते रहे लेकिन हर बार सफेदपोशों को आखिरी समय पर क्लीन चिट भी मिलती रही।
Big Breaking: अब यूपी के इस शहर में आंबेडकर प्रतिमा से छेड़छाड़,लखनऊ तक मचा हडकंप
कई बार हुई शिकायत
मुरादाबाद जनपद में पूर्व में तैनात रहे एक जिलाधिकारी ने तत्कालीन डीजीपी को पत्र लिखकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे। पूर्व डीएम ने डीजीपी से शिकायत की थी कि दिल्ली से निकलकर कचरे से भरे ट्रक आखिर किस तरह पांच जनपदों के हाइवे से होकर मुरादाबाद पहुंच रहे है और हाइवे पर तैनात पुलिसकर्मी आखिर इनको रोक क्यों नःही पा रहे। डीएम के पत्र के बाद पुलिस ने कार्रवाई कर कचरा तो पकड़ा लेकिन बाद में सब पहले की तरह सामान्य तरीके से संचालित होने लगा।
शिवपाल ने अखिलेश यादव को दिया बड़ा झटका, इस सपा नेता को सौंप दी सेक्युलर मोर्चा की जिम्मेदारी
कार्यवाही का दावा
इलेक्ट्रॉनिक कचरे से निकलने वाली खतरनाक गैसें स्थानीय लोगों की सेहत खराब कर रही है साथ ही इससे निकलने वाले खतरनाक तत्वों को रामगंगा नदी में बहा दिया जाता है जिसके चलते नदी में जलीय ऑक्सीजन की कमी के चलते जलीय जीव दम तोड़ रहे है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आर.के. सिंह के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक कचरे को लेकर गठित विशेष टीमें सम्भावित क्षेत्रों में हर रोज गश्त कर रही है और कचरा माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।
शिवपाल यादव को योगी सरकार से बड़ा तोहफा मिलने पर लोगों का उठा विश्वास, कह दी ये बड़ी बात
लोगों की सांसों में जा रहा जहर
बहरहाल ई कचरा का अवैध कारोबार खाकी और खादी की सरपरस्ती में खूब फलफूल रहा है। लेकिन उसके विपरीत ये लोगों की सांसों में जहर भी घोल रहा है। इसको लेकर अधिकारीयों की संजीदगी नहीं दिख रही। वरना शहर का ये हाल नहीं होता। सबसे बुरा हाल शाम नागफनी और जिगर कालोनी व् कटघर के रामगंगा से सटे इलाकों में हो जाता है,क्यूंकि जहरीला धुआ आने से यहां लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है।