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20 हजार हैं लाइसेंस धारक
जनपद में 20 हजार 800 शस्त्र लाइसेंस धारक हैं। सभी कारतूस लेते हैं और हिसाब कोई नहीं देता है, लेकिन नए निर्देशों के मुताबिक पुलिस अब शस्त्र लाइसेंस धारक से हर कारतूस का हिसाब लेगी। मुरादाबाद ही नहीं पूरे प्रदेश में इसी सिस्टम से कारतूसों की पड़ताल होगी। एसएसपी के इस फार्मूले से शस्त्र लाइसेंस लेकर कारतूस का धंधा करने वाले बेहद परेशान नजर आ रहे हैं।
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कारतूसों का होगा मिलान
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि एक जनवरी 2018 से जितने भी शस्त्र लाइसेंस बने हैं। मुरादाबाद में भी उनकी जांच कराएंगे। हमारा मकसद किसी को परेशान करना नहीं है, लेकिन शस्त्र लाइसेंस धारक को यह बताना होगा कि उसने खरीद गए कारतूस का इस्तेमाल कहां किया है। थाना के शस्त्र लाइसेंस रजिस्टर से कारतूसों का मिलान कराएंगे। इससे जो लोग कारतूसों का गलत इस्तेमाल करते हैं वो रुकेगा साथ ही हर्ष फायरिंग जैसी भी घटनाएं रुकेंगी।