दादा भी रह चुके हैं सांसद 43 साल के दानिश अली मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ के रहने वाले हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। उनके दादा कुंवर महमूद अली 1957 में डासना विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। इसके बाद 1977 में वह हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। उन्होंने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। दानिश अली के पिता का नाम जाफर अली है। पांच भाइयों में सबसे छोटे दानिश अली ने दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया से ग्रेजुएशन किया है। वहीं से वह छात्र राजनीति में जुड़ गए थे।
कांग्रेस-जेडीएस को मिलाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका दानिश अली ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता दल (सेक्यूलर) से की थी। उन्हें पार्टी का जनरल सेकेट्री तक बनाया गया था। वह धीरे-धीरे पार्टी का अहम चेहरा बनकर सामने आए। उन्होंने कर्नाटक में चुनाव के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) को मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2019 के लोसकभा चुनाव से पहले उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के आशीर्वाद से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ज्वाइन की थी।
अमरोहा से दिया गया था टिकट लोकसभा चुनाव 2019 से पहले 16 मार्च को दानिश अली बसपा में शामिल हाे गए थे। इसके चंद दिनों बाद ही बसपा ने अमरोहा से दानिश की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया था। यहां से उनेक मुकाबले में भाजपा ने कंवर सिंह तंवर और कांग्रेस ने सचिन चौधरी का टिकट दिया था। कंवर सिंह तंवर ने 2014 के लोसकभा चुनाव में इस लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी।
इतने वोटों से दर्ज की थी जीत 2019 के लोकसभा चुनाव में कुंवर दानिश अली को बंपर वोट मिले। इस चुनाव में दानिश अली को 601082 वोट मिले। उन्होंने कंवर सिंह तंवर को 63 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया है। चुनाव आयोग को दिए शपथपत्र के अनुसार, दानिश अली की कुल संपत्ति करीब 7.49 करोड़ रुपये है। उन पर 5.83 करोड़ रुपये की देनदारी है।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh
Facebook पर Like करें, Follow करें
Twitter पर