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डाउन सर्वर ने रोकी पंजीयन की रफ्तार

locationमुरादाबादPublished: Sep 01, 2016 10:55:00 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की बार-बार दम तोड़ती सेवा से अब तक लैण्डलाइन टेलीफोन व मोबाइल उपभोक्ता ही परेशान नजर आते थे, लेकिन अब इसका असर वाहन मालिकों पर भी पडऩे लगा है।

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 दौसा. भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की बार-बार दम तोड़ती सेवा से अब तक लैण्डलाइन टेलीफोन व मोबाइल उपभोक्ता ही परेशान नजर आते थे, लेकिन अब इसका असर वाहन मालिकों पर भी पडऩे लगा है। 
निगम की बार-बार टूटती कनेक्टिविटी के कारण जिले के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय में गत 15 दिनों से इंटरनेट का सर्वर डाउन पड़ा है। इसके चलते कार्यालय में वाहनों के पंजीयन की रफ्तार पर पूरी तरह से ब्रेक लग गए हैं। 
वाहन मालिकों को विभाग द्वारा निर्धारित फीस बैंक में जमा करने के बाद भी नम्बर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में उन्हें नम्बरों के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं कार्यालय में पंजीयन नम्बरों के लिए वाहन मालिकों की भीड़ बढऩे के कारण अब विभागीय अधिकारियों ने पंजीयन करना ही बंद कर दिया हैं।
 ऐसे में नए वाहन खरीदने वाले, नम्बर ट्रांसफर कराने वालों को नम्बरों के लिए बार-बार परिवहन अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लोगों के विभागीय अधिकारियों को शिकायत करने पर वो भी बीएसएनएल को दोष देकर अपनी मजबूरी जता देते हैं। ऐसे में वाहन मालिक अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। 
प्रतिदिन 25 आवेदन

परिवहन अधिकारी कार्यालय में प्रतिदिन औसतन 25 लोग वाहनों के पंजीयन नम्बर व नम्बर ट्रांसफर के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन गत 16 अगस्त से इंटरनेट का सर्वर डाउन होने से पंजीयन नम्बर नहीं जारी किए गए हैं।
 ऐसे में गत 15 दिनों में कार्यालय में पंजीयन नम्बरों के लिए लगी 450 से अधिक फाइलें अटकी पड़ी है। 

आवेदन प्रतिदिन नम्बरों के लिए कार्यालय के चक्कर लगाते हैं, लेकिन सर्वर डाउन होने के पता लगने पर बैरंग लौटना पड़ता है। इससे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बार-बार शिकायत, समाधान नहीं

सर्वर डाउन होने से आ रही समस्या को लेकर जिला परिवहन अधिकारी ने बीएसएलन में लिखित शिकायत भेजकर समाधान की मांग कर ली, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। 
इसी प्रकार प्रादेशिक परिवहन अधिकारी भी प्रतिदिन निगम अधिकारियों से फोन पर बात कर समस्या का समाधान कराने की मांग करते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। इसका सीधा खामियाजा वाहन स्वामियों को उठाना पड़ा रहा है। इससे निगम अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हो रही है। 
जांच में काम आता इंटरनेट

परिवहन विभाग की ओर से वर्तमान में पंजीयन नम्बरों के लिए निर्धारित फीस बैंकों में चालान के माध्यम से जमा कराई जाती है। उपभोक्ता बैंक में फीस जमा कराने के बाद चालान के एक सत्यापित कॉपी लेकर फिर से परिवहन अधिकारी कार्यालय में जाता है। 
इसके बाद कार्यालय का लेखाकार इंटरनेट के माध्यम से चालान द्वारा जमा कराई गईराशि के विभाग के खाते में आने की जांच करता है। राशि के विभाग के खाते में आने की पुष्टि होने पर पंजीयन की आगे की कार्रवाई शुरू की जाती है, लेकिन गत 15 दिनों से बीएसएनएल का सर्वर डाउन होने से राशि जमा होने की जांच नहीं हो पा रही है। 

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